आप महसूस करते होंगे कि हमारे समाज में अमूमन अल्लाह तआला से मत्लूबा तअल्लुक़ कुछ खास इत्मीनान-बख़्श नहीं है। लिहाजा इस बारे में बेदारी पैदा करने के लिए 15 जूलाई से 15 अगस्त तक एक अवामी मुहिम चलाई जा रही है।
क़ुरआन की आयत (अज़्जाररयात 51:50) का शुरू का हिस्सा इस मुहिम का मरकज़ी मौजूअ है। इस सिलसिले में 31 जुलाई को जमाअत इस्लामी हिन्द मरकज़ की मस्जिद में एक प्रोग्राम मुनअकिद किया गया।
“दौड़ो अपने रब की तरफ़!” यह आवाज़ कौन लगा रहा है, किसे लगा रहा है? अपने रब की तरफ़ दौडने का क्या मतलब है? यह आवाज़ सुनने वालों के लिए कितनी अहम है? इसे लगाने वाली हस्ती का मकाम व मरतबा क्या है? आइए ज़रा ध्यान दें :-
“दौड़ो अपने रब की तरफ़” कुरआन मजीद की सूरत:51 (अल-ज़ाररयात) की आयत 50 के शुरू के हिस्से का मफ़हूम है। पूरी आयत का अर्थ है “दौड़ो अल्लाह की ओर, मैं तुम्हारे लिए उसकी तरफ़ से साफ़-साफ़ खबरदार करने वाला हूूं।”
यह बात अल्लाह ने अपने रसूल (स.) से कहलाई है अपने सारे बंदों, ख़ुसूसन मुसलमानों के लिए यहां अल्लाह ने अपने रसूल (स.) का परिचय “साफ़-साफ़ ख़बरदार करने वाले” की हैसियत से कराया है। यह ग़फ़लत की पट्टी आंख से ख़ोल देने और जहालत के अंधेरों से इल्म के उजाले में ले आने वाली आवाज़ है। बस, दुनिया कमाने, उसे बरतने में दिन-रात डूबे रहने की कैफियत से निकाल कर दुनिया व आख़िरत में कामयाब ह़ोने के लीए, अल्लाह के रसूल (स.) की आवाज़ है कि “अल्लाह की ओर दौड़ो”!
जमाअत इस्लामी हिन्द, अबुलफज़ल यूनिट की जानिब से प्रोग्राम मुनअकिद किया गया।
प्रोग्राम के संयोजक ज़मीर आज़मी और शकील अहमद के क़ुरआन की तिलावत और तर्जुमा से प्रग्रामे की शुरुआत हुई।
इसके बाद खान यासिर ने कारकुन साज़ी मुहिम का तआरुफ़ पेश किया।
जमाअत इस्लामी हिन्द का परिचय बताते हुए मुहम्मद शफ़ी मदनी, सेक्रेटरी, जमाअत इस्लमी हिन्द।
इस मुहिम का तराना क़ारी अब्दुल मन्नान ने गाया।
فَفِرُّوا اِلی اللّٰہ – दौड़ो अल्लाह की तरफ़ टॉपिक पर भाषण देते हुए सय्यद मोहियुद्दीन शाकिर, सेक्रेटरी, जमाअत इस्लमी हिन्द
प्रोग्राम के आखिर में शामिल लोगों का आभार और धन्यवाद संदेश इंजीनियर अब्दुल मन्नान, अमीर मुकामी, अबुलफज़ल एन्क्लेव नार्थ यूनिट ने किया।