देश में पिछले कुछ समय से मुसलमानों के खिलाफ प्रोपेगेंडा फिल्म बनाने का रिवाज शुरू हो गया है. इन फिल्मों के जरिए मुसलमानों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा दिया जा रहा है. कश्मीर फाइल्स से शुरू हुआ ये सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. बीते दिनों रिलीज हुई प्रोपेगेंडा फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स‘ के बाद एक ओर फिल्म “संभल फाइल्स” बनाने का ऐलान किया गया है. इस ऐलान के बाद प्रदेश के साथ- साथ देशभर की राजनीति में चर्चाएं तेज हो गई है. फिल्म “संभल फाइल्स” बनाने की घोषणा पर संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कड़ा विरोध जताया है.
‘फिल्म में भी राजनीति’
संभल सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि बहुत अफसोस की बात है कि धर्म को बांटने वाली फिल्में बनाई जा रही है. साथ ही कहा कि पहले फिल्में मनोरंजन के लिए बनती थीं, लेकिन अब फिल्म में भी राजनीति घुस गई है.
फिल्म प्रोड्यूसर अमित जानी का भद्दा बयान
मुस्लिम सांसद जियाउर रहमान बर्क के बयान पर फिल्म प्रोड्यूसर अमित जानी ने बेहद ही विवादित बयन दिया है. अमित जानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए कहा कि मौलाना मदनी के बाद पेट में पेचिश का दर्द सम्भल के छोटे बर्क को हुआ है, सुनो मियाँ.. सम्भल में ही शूटिंग करेंगे अगले महीने. सम्भल और तुम्हारे अब्बा का पूरा सच दिखाएगें.
बता दें कि फिल्म प्रोड्यूसर अमित जानी ने बीते दिनों ‘उदयपुर फाइल्स’ बनाई है. इस फिल्म का देश भर में बड़े स्तर पर विरोध हुआ था. जमीयत उलेमा हिंद इस फिल्म को मुसलमानों और इस्लाम के खिलाफ प्रोपेगेंडा बताते हुए कोर्ट पहुंची थी.
क्या है संभल का पूरा मामला?
बता दें कि 24 नवंबर, 2024 को ASI की एक टीम संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची थी. जहां हिंदूवादी संगठनों की भीड़ “जय श्री राम” सहित कई अन्य नारे लगा रही थी. इस दौरान मस्जिद के बाहर मुसलमान भी जमा थे. जहां पुलिस ने मुसलमानों को हटाने के लिए बल का इस्तेमाल किया फिर प्रदर्शन कर रहे मुस्लिमों पर गोलियां भी चलाई. पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में पांच मुसलमानों की मौत हो गई थी. पुलिस ने मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को उल्टा “दंगाई” करार दिया और घटना के संबंध में कई मामले दर्ज किए.

