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Sambhal हिंसा मामले में SIT ने दाखिल की चार्जशीट.. सपा सांसद और मस्जिद कमेटी के सदर को भी बनाया आरोपी

संभल हिंसा मामले में अभी तक 92 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. साथ ही कई आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

Sambhal Case Update: संभल की शाही मस्जिद में पिछले साल नवंबर में सर्वे के दौरान हुई हुई हिंसा मामले में SIT ने चंदौसी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है. SIT ने संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को भी आरोपी बनाया है.

संभल एसपी ने क्या कहा?

इस मामले पर संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा कि 24 नवंबर 2024 को संभल जिले में कोर्ट के आदेश पर सर्वे के दौरान बाधा, हिंसा और आगजनी के संबंध में 12 एफआईआर दर्ज की गई थी. इनमें से सात मामले पुलिस ने जर्ज किए थे, जबकि पांच मामले आम जनता की ओर से दर्ज किए गए थे.
साथ ही उन्होंने आगे बताया कि इन सभी मामलों में अब चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

एसपी कृष्ण बिश्नोई ने कहा कि इनमें सबसे महत्वपूर्ण 335/24 के तहत हिंसा की साजिश के अभियोग में सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. इसके अलावा, एक अन्य अभियुक्त सुहैल इकबाल की घटनास्थल पर मौजूदगी पाई गई थी, लेकिन उनसे कई घंटों की पूछताछ और अन्य सबूतों के संकलन के बाद उनके खिलाफ किसी प्रकार के सबूत नहीं मिले. इसी जांच के दौरान उनकी नामजदगी गलत मिली. साथ ही इस मामले में 23 अन्य लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है.

‘सांसद और सदर ने देर रात तक की बात’

संभल एसपी कृष्ण बिश्नोई ने आगे कहा कि पुलिस को जांच के दौरान साक्ष्य मिले कि जामा मस्जिद के सदर जफर अली और सांसद बर्क की देर रात तक बात हुई थी. उससे पूर्व में 22 नवंबर को उनके द्वारा भीड़ को भी इकट्ठा किया गया था. इस मामले की अच्छए से जांच करते हुए पुलिस ने चंदौसी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. पुलिस की कोशिश होगी कि जल्द ही इसमें ट्रायल कराया जाए.

92 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है

उन्होंने आगे कहा कि इस हिंसा मामले में अभी तक 92 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. साथ ही कई आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.

पिछले साल मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा

बता दें कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद 24 नवंबर, 2024 को एएसआई (ASI) की एक टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची थी. जहां हिंदूवादी संगठनों की भीड़ “जय श्री राम” सहित कई अन्य नारे लगा रही थी. इस दौरान मस्जिद के बाहर मुसलमान भी जमा थे. जहां पुलिस ने मुसलमानों को हटाने के लिए बल का इस्तेमाल किया फिर प्रदर्शन कर रहे मुस्लिमों पर गोलियां भी चलाई. पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में पांच मुसलमानों की मौत हो गई थी.

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