सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए कोई विशेष तारीख देने और तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि इस्लाम में हिजाब पहनना जरूरी नहीं है.
कर्नाटक हाई कोर्ट के मुताबिक इस्लाम में हिजाब को जरूरी नहीं माना गया है. कोर्ट ने हिजाब पहनने को लेकर दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था.
हिजाब विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा था कि स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है.
आज वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने एक याचिकाकर्ता, एक मुस्लिम छात्रा की ओर से एक मामले का उल्लेख किया और मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की. कामत ने जोर देकर कहा कि परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं और अदालत से मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया.
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इसका परीक्षा से कोई लेना-देना नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने कामत से कहा कि मामले को सनसनीखेज न बनाएं.
कामत ने दलील दी कि छात्राओं को स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा. हालांकि, बेंच अगले आइटम पर चली गई.
बता दें कि चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने 16 मार्च को कहा था कि होली की छुट्टियों के बाद हिजाब मामले की सुनवाई करेंगे लेकिन आज भी सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
मुस्लिम छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल याचिका में दलील दी है कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत उन्हें हिजाब पहनने का अधिकार है. वहीं 19 (1) (a) के तहत उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है. इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 2 याचिकाएं दाखिल की गई थीं.
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी. यहां उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज गई थीं. कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना कर दिया. इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था. विवाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ. स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए.
ऐसे में कुछ छात्राओं ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की इजाजत मांगने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था. 15 मार्च को हाईकोर्ट ने याचिकाओं को खारिज कर दिया. अब छात्राओं ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. जिसपर तुरंत सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है.