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वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर का निधन.. प्रेस क्लब ने कहा – हमने पत्रकारिता की निर्भीक आवाज को खो दिया

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि हमने पत्रकारिता की एक निर्भीक आवाज को खो दिया है. उनकी तेज राजनीतिक समझ और सच के प्रति अडिग प्रतिबद्धता को हमेशा याद किया जाएगा.

Veteran Journalist Sankarshan Thakur passed away: वरिष्ठ पत्रकार और ‘द टेलीग्राफ’ के संपादक संकर्षण ठाकुर का आज यानी कि सोमवार,8 सितंबर को 63 वर्ष की आयु में निधन हो गया. संकर्षण ठाकुर के निधन पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने शोक संदेश में कहा कि हमने पत्रकारिता की एक निर्भीक आवाज को खो दिया.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने जारी किया बयान

संकर्षण ठाकुर के निधन पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बयान जारी करते हुए कहा कि वरिष्ठ पत्रकार और ‘द टेलीग्राफ’ अखबार के एडिटर संकर्षण ठाकुर का गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में आज निधन हो गया,वे 63 वर्ष के थे.

‘पत्रकारिता की एक निर्भीक आवाज को खो दिया’

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि हमने पत्रकारिता की एक निर्भीक आवाज को खो दिया है. उनकी तेज राजनीतिक समझ और सच के प्रति अडिग प्रतिबद्धता को हमेशा याद किया जाएगा.

इस दुख की घड़ी में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया उनके परिवार, दोस्तों और उन सभी लोगों के साथ खड़ा है, जो इस नुकसान को महसूस कर रहे हैं.

आरजेडी सांसद मनोज झा ने जताया दुख

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि एक शांत दीया बुझ गया है, फिर भी उसकी चमक फीकी नहीं पड़ेगी. अलविदा संकर्षण ठाकुर.

मनोज झा ने कहा कि इस दौर ने साहस और जटिल विश्लेषण की विधा के अपने बेहतरीन पत्रकारों में से एक को खो दिया है. प्रख्यात पत्रकार और लेखक संकर्षण ठाकुर, जिनके शब्द बदलते राष्ट्र के लिए दर्पण और दिशासूचक दोनों थे, का आज सुबह निधन हो गया. उन्होंने इस धरती से समय से पहले ही विदा ले ली, और अपने पीछे एक ऐसा शून्य छोड़ गए जिसे भरना असंभव है. वे जहां भी जाते थे देश हो या विदेश अपने ‘कॉलर- अप’ के साथ “बिहारी- पना” को बड़े ही स्टाइलिश अंदाज में साथ रखते थे.

कांग्रेस नेता ने दी श्रद्धांजलि

कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि द टेलीग्राफ के संपादक श्री संकर्षण ठाकुर के निधन की खबर सुनकर बहुत स्तब्ध हूं और दुःख हुआ है. भारतीय राजनीति की गहरी समझ रखने वाले एक प्रतिभाशाली लेखक थे श्री ठाकुर एक उदार, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रवादी, जिन्होंने सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करने का साहस किया.

कौन थे संकर्षण ठाकुर?

संकर्षण ठाकुर का जन्म 1962 में पटना में हुआ था. उन्होंने पटना के सेंट जेवियर्स और दिल्ली के सेंट जेवियर्स कॉलेज से शिक्षा हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से 1983 में पॉलिटिकल साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल की.

उन्होंने 1984 में ‘संडे मैगजीन’ से अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की. वे ‘द टेलीग्राफ’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में एसोसिएट एडिटर रहे.

इसके बाद वे ‘तेहलका’ में एग्जिक्युटिव एडिटर के तौर पर काम करने लगे. फिर 2009 में उन्होंने दोबारा ‘द टेलीग्राफ’ में वापसी की और वहीं से अपने पत्रकारिता के सफर को आगे बढ़ाया.

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