Special Intensive Revision: देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा है SIR यानी कि स्पेशल इंटेंसिव रिविजन अभियान इतना इंटेंसिव और दबाव भरा बन चुका है कि बीएलओ को अपनी जान गांवानी पड़ रही है. वहीं कई BLOs अपनी नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं.
15 बीएलओ की हो चुकी है मौत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्पेशल इंटेंसिव रिविजन यानी कि SIR अभियान के दौरान 19 दिनों के अंदर छह राज्यों में 15 BLOs की मौत हो चुकी है. इनकी मौत का कारण मानसिक दबाव है. कई BLOs की मौत हार्ट अटैक से हुई, कई BLOs ने काम के अत्यधिक दबाव में आत्म हत्या कर ली. वहीं कुछ BLOs के सड़क हादसे में मारे जाने की खबर है. कई रिपोर्टों के अनुसार, BLOs काम पूरा करने के टारगेट और सस्पेंड होने के कारण मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर साधा निशाना
BLOs की मौतों पर कांग्रेस चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस अधयक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा की वोट चोरी अब जानलेवा रूप ले चुकी है. काम के भार से BLO और Polling Officers आत्महत्या करने पर मजबूर है. भाजपा चोरी की सत्ता की मलाई खाने में व्यस्त है और चुनाव आयोग मूक दर्शक बने तमाशा देख रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि हड़बड़ी में बिना प्लॉनिंग के जबरन SIR लागू करना नोटबंदी और कोरोना लॉकडाउन की याद दिलाता है.
‘SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है- राहुल गांधी’
वहीं कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि SIR के नाम पर देश भर में अफ़रा- तफ़री मचा रखी है – नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई. हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या – SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है.
SIR के नाम पर देश भर में अफ़रा-तफ़री मचा रखी है – नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई। हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या – SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है।
ECI ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने… pic.twitter.com/oHdabs0kHe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 23, 2025
राहुल गांधी ने आगे कहा कि SIR एक सोची-समझी चाल है, जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और BLOs की अनावश्यक दबाव से मौतों को “कॉलैटरल डैमेज” मान कर अनदेखा कर दिया है.

