हरिद्वार ‘धर्म संसद’ में कथित हेट स्पीच का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम मामले पर सुनवाई करेंगे

पीटीआई भाषा इनपुट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल में हुई ‘धर्म संसद’ के दौरान घृणा भाषण देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर गौर किया कि घृणा भाषण देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी ट्विटर पर ट्वीट करके जानकारी दी है.

सिब्बल ने कहा, ‘हरिद्वार में 17 और 19 दिसंबर को धर्म संसद में जो हुआ, उस संबंध में मैंने यह जनहित याचिका दाखिल की है. हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं जहां देश में ‘सत्यमेव जयते’ का नारा बदल गया है.’ सीजेआई ने कहा, ‘ठीक है, हम मामले पर सुनवाई करेंगे.’

17-20 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन

पीटीआई इनपुट के अनुसार, गौरतलब है कि हरिद्वार में जूना अखाड़े के यति नरसिंहानंद द्वारा 17-20 दिसंबर को हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था. यति नरसिंहानंद पहले ही नफरत भरे भाषण देने के लिए पुलिस की निगाह में हैं. पिछले दिनों एक समारोह में कथित रूप से मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरा भाषण दिये जाने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रहा है.

नहीं हुई गिरफ्तारी

एसआईटी की तफ्तीश शुरू होने के बाद गत चार जनवरी को एक संत ने कहा था कि वह मामले में नामजद किसी भी व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत रूप से जमानत भरेंगे. बता दें कि पांच सदस्यीय दल का नेतृत्व देहरादून के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कमलेश उपाध्याय कर रहे हैं. इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

नरसंहार जैसे भाषणों के लिए तत्काल हो गिरफ्तारी

हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच प्रकरण से जुड़े एक अहम घटनाक्रम में वैश्विक प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों और कई देशों के नागरिकों ने मुसलमानों के खिलाफ दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों पर चिंता जताई. सम्मेलन में ‘नरसंहार जैसे भाषण’ देने वाले लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है.

28 संगठनों के बयान में सरकार की आलोचना

विभिन्न संगठनों के एक समूह द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि पिछले महीने हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों पर दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड, फिनलैंड और न्यूजीलैंड में प्रवासी समूहों ने ट्विटर पर अपना रोष जताया है. इन लोगों में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. 28 संगठनों के बयान में ‘हरिद्वार धर्म संसद में नरसंहार और घृणा फैलाने वाले भाषण’ देने वाले लोगों को गिरफ्तार करने में विफल रहने पर सरकार की भी आलोचना की गयी है.

तत्काल गिरफ्तारी का आह्वान

इसमें कहा गया है कि वैश्विक भारतीय प्रवासी समुदाय यति नरसिंहानंद और धर्म संसद के वक्ताओं की तत्काल गिरफ्तारी का आह्वान करता है. बयान पर हस्ताक्षर करने वाले संगठनों में हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स (वर्ल्डवाइड), भारतीय मुसलमानों की अंतर्राष्ट्रीय परिषद, इंडिया एलायंस यूरोप, दलित सॉलिडेरिटी फोरम, अमेरिका; फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गेनाइजेशन आदि शामिल हैं.

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