पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई सोमवार 10 जनवरी को होगी. इस याचिका में मामले की गहन जांच और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है.
ईटीवी भारत के खबर के अनुसार, जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब दौरे के दौरान पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले की सुनवाई को सोमवार तक टाल दिया है. अदालत ने सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के यात्रा रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया है.
क्या था मामला ?
पंजाब के बठिंडा में हुसैनीवाला राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाते वक्त रोड पर हो रहे प्रदर्शन के कारण बठिंडा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला एक फ्लाईओवर पर जाम में फंस गया था.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 मिनट तक जाम में फंसे रहे. इस कारण प्रधानमंत्री को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक माना है और पंजाब सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
वहीं दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस बात से इनकार किया कि कोई सुरक्षा चूक हुई या इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जांच के लिए तैयार है.
इस घटना से बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ‘‘नुकसान पहुंचाने की कोशिश की’’, जबकि अन्य दलों ने भी कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया.
मोदी का काफिला हुसैनीवाला से करीब 30 किलोमीटर दूर फिरोजपुर-मोगा रोड पर पियारेना गांव के पास पहुंचा तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क अवरुद्ध कर दिया जिसके बाद एक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला लगभग 15-20 मिनट तक रुका रहा.
दो साल बाद पंजाब के दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और पीजीआईएमईआर सैटेलाइट सेंटर सहित 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने वाले थे. उन्हें फिरोजपुर में एक रैली को भी संबोधित करना था.