वाराणसी: अधिकारियों ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एक अदालती अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वेक्षण, जो लगातार तीसरे दिन किया गया था, सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुआ.
रिपोर्ट कोर्ट में 17 मई को पेश होगी… आज बहुत संक्षिप्त कार्यवाही होनी थी, वो पूरी हो गई है: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर वाराणसी के ज़िला मजिस्ट्रेट कौशल राज शर्मा pic.twitter.com/rKHIrQI31j
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 16, 2022
रविवार तक करीब 65 फीसदी सर्वे पूरा हो चुका था.
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम पूरा हुआ.’
मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है और स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने की याचिका पर सुनवाई कर रही है.
कल डीएम ने कहा था कि सोमवार को सुबह आठ बजे से सर्वे का काम शुरू होगा और सभी पक्षों को मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है.
शहर में हर थाना स्तर पर लोगों से संवाद करके लोगों के बीच जो भ्रांतियां थी उन्हें दूर किया। ये तीन दिन की कार्रवाई थी, जो आज समाप्त हो गई है। सर्वे आदर्श वातावरण में हुई, जिसमें कानून व्यवस्था की कोई भी स्थिति किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं हुई: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश
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मस्जिद समिति की आपत्तियों के बीच पिछले सप्ताह सर्वेक्षण को रोक दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि सर्वेक्षण के लिए अदालत द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त को परिसर के अंदर फिल्म बनाने का अधिकार नहीं था.
पिछले गुरुवार को अपने आदेश में, जिला सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद समिति द्वारा अजय कुमार मिश्रा को बदलने के लिए एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिन्हें अदालत ने ज्ञानवापी-गौरी श्रृंगार परिसर का सर्वेक्षण करने के लिए अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त किया था.
न्यायाधीश ने सर्वेक्षण में अदालत आयुक्त की मदद करने के लिए दो और अधिवक्ताओं को भी नियुक्त किया और कहा कि इसे मंगलवार तक पूरा किया जाना चाहिए.
जिला अदालत ने कहा था कि यदि सर्वेक्षण के लिए परिसर के कुछ क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो ताले तोड़े जाने चाहिए. इसने जिला अधिकारियों को सर्वेक्षण की अनुमति नहीं देने पर प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था. शीर्ष अदालत, हालांकि, सर्वेक्षण के खिलाफ एक मुस्लिम पक्ष की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई.
अधिवक्ता यादव ने कहा था कि अदालत द्वारा नियुक्त तीन अधिवक्ता आयुक्त, दोनों पक्षों के पांच-पांच वकील और एक सहायक के अलावा एक वीडियोग्राफी टीम सर्वेक्षण करेगी.
दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था.
उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे.
(पीटीआई-भाषा से इनपुट के साथ)