अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने स्थानीय मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीबीसी रविवार रात प्रसारण बंद करने वाला पहला देश बन गया. बीबीसी ने एक बयान में तालिबान से यह कहते हुए अपना फैसला वापस लेने को कहा है कि इससे फारसी, पश्तो और उज्बेक भाषा सेवा कार्यक्रमों के 60 लाख से अधिक दर्शक प्रभावित होंगे. बीबीसी फारसी टीवी चैनल तक अभी भी पहुंचा जा सकता है, लेकिन केवल 20 प्रतिशत अफगानी लोग जिनके पास सैटेलाइट टीवी है.
खामा प्रेस ने बयान के हवाले से कहा, तालिबान द्वारा हमारे टीवी भागीदारों को अपने प्रसारण से अंतर्राष्ट्रीय प्रसारकों को हटाने का आदेश देने के बाद पश्तो, फारसी और उज्बेक में बीबीसी के टीवी समाचार बुलेटिन को अफगानिस्तान में बंद कर दिया गया है.
बीबीसी के अलावा, तालिबान ने वॉयस ऑफ अमेरिका, जर्मन ड्यूश वेले और चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क को भी आगे के प्रसारण से प्रतिबंधित कर दिया है.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) के अनुसार, तालिबान के पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान पर नियंत्रण पाने के बाद से, देश के 40 प्रतिशत मीडिया आउटलेट, जबकि अनुमानित 6,400 पत्रकार वर्तमान में बेरोजगार हैं.
काबुल के पतन के बाद से 80 प्रतिशत से अधिक अफगान महिला पत्रकारों की नौकरी भी चली गई है. 2021 वल्र्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में अफगानिस्तान 122वें स्थान पर है.
(इनपुट आईएएनएस/रफ़्तार)