कंधार: तालिबान ने हाल के हफ्तों में कंधार प्रांत में लड़कियों के स्कूलों का निरीक्षण किया है और सैकड़ों छात्राओं को निष्कासित किया है।
निष्कासित छात्राएं अफगानिस्तान में अनुमानित 30 लाख लड़कियों में शामिल हो गई हैं, जिन्हें शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।
आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सत्ता पर कब्जा करने के बाद से, तालिबान ने 13 वर्षीय या उससे अधिक या छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों को स्कूल जाने से रोक दिया है।
कंधार में निष्कासन कार्रवाई तालिबान द्वारा प्रतिबंध को लागू करने का हिस्सा है, जिसने देश के अंदर विरोध को हवा दी है। इसको लेकर तालिबान को अंतरराष्ट्रीय निंदा का सामना करना पड़ रहा है।
इस्लामिक शरिया कानून के तालिबान के चरमपंथी दृष्टिकोण के अनुसार, जिन लड़कियों की उम्र 13 से अधिक है, उन्हें पुरुष छात्रों और शिक्षकों के सामने जाने की अनुमति नहीं है।
उग्रवादियों ने दावा किया है कि महिला शिक्षकों की कमी के कारण वे युवा लड़कियों को स्कूल नहीं जाने दे सकते। तालिबान के अधिग्रहण से पहले, कई लड़कियों के स्कूलों को पहले ही अलग कर दिया गया था।
आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने उन लड़कियों को भी मौका नहीं दिया है, जिन्होंने देर से स्कूल जाना शुरू किया था।
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 वर्षीय फौज़िया को पिछले महीने कंधार के दमन जिले में उसके स्कूल से निकाल दिया गया। उसने कहा कि तालिबान ने निरीक्षण करने के बाद अकेले उसके स्कूल से 100 से अधिक लड़कियों को निकाल दिया।
कंधार में तालिबान के शिक्षा मंत्रालय के प्रांतीय प्रमुख मावलवी फखरुद्दीन नक्शबंदी ने निष्कासन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि 13 वर्ष या उससे अधिक उम्र की लड़कियों या युवावस्था तक पहुंचने वाली लड़कियों को निष्कासित किया जा रहा है।
अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से अफगान महिलाएं और लड़कियां तालिबान के प्रतिबंध का विरोध करने और अपने मूल अधिकारों की मांग करने के लिए सड़कों पर उतर आयी हैं।
पिछले महीने, स्कूली छात्राओं, महिलाओं और यहां तक कि अफगान बुर्जुगों ने लड़कियों की शिक्षा के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन किया।
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)