तिरुवनंतपुरम: भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला केरल में सामने आया है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने ये जानकारी दी है.
उन्होंने कहा कि दुबई से केरल लौटे 31 साल के व्यक्ति को कन्नूर के परियाराम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है. शख्स में मंकीपॉक्स बीमारी की पुष्टि हुई है.
जॉर्ज ने कहा कि मरीज की हालत ठीक है और वह डॉक्टरों की निगरानी में है. उसके निकट संपर्क में आने वाले सभी लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है.
"The 31-year-old man from Kannur is currently undergoing treatment at Pariyaram Medical College. The patient's health condition is reported to be satisfactory. Those in close contact with him have been put under surveillance," says Kerala Health Minister Veena George
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— ANI (@ANI) July 18, 2022
देश में पहला मामला 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में दर्ज किया गया था, जब संयुक्त अरब अमीरात से आए एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी.
मंकीपॉक्स एक बड़ा डीएनए वायरस है जो ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार से संबंधित है. संबंधित चेचक वायरस के विपरीत, वेरियोला, जो केवल मनुष्यों को प्रभावित करता है, मंकीपॉक्स वायरस अफ्रीका के कुछ हिस्सों में रोडेंट्स और अन्य जानवरों में पाया जाता है. हम दो समूहों (वायरस समूह) के बारे में जानते हैं और यह वर्तमान में अफ्रीका के बाहर फैले वायरस कम गंभीर हैं. ऑर्थोपॉक्सवायरस स्थिर वायरस हैं जो ज्यादा म्यूटेट नहीं करते हैं. हालाँकि वर्तमान प्रकोप के कारण वायरस में कई म्यूटेशन हुए हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम दो अलग-अलग स्ट्रेन्स फैला है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्य में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं. हालांकि, यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)