शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मौजूद संजौली मस्जिद मामले में आज आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई. इससे पहले अक्टूबर में नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने फैसला सुनाया था कि संजौली मस्जिद के तीन गैर कानूनी फ्लोर तोड़े जाएं. यह काम 21 दिसंबर तक पूरा होना था. इसके बाद मस्जिद के दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को तोड़ने का काम शुरू हो गया था. आज अदालत में इसकी रिपोर्ट सौंपी गई. लेकिन मस्जिद के तीनों फ्लोर तोड़ने का काम रोक दिया गया है. मस्जिद कमेटी इसे तोड़ने के लिए और समय की मांग की है.
मस्जिद कमेटी ने मस्जिद तोड़ने के काम को बंद करने के पीछे हवाला दिया है कि सर्दी की वजह से मस्जिद के फ्लोर को तोड़ने का काम रोक दिया गया है. मस्जिद कमेटी ने काम रोकने के पीछे पैसा नहीं होने और मजदूर की कमी का हवाला दिया है. इसलिए मस्जिद कमेटी ने अदालत से और ज्यादा समय की मांग की है.
इसस पहले अक्टूबर में हुई सुनवाई में आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद के तीन गैर कानूनी फ्लोर को गिराने का आदेश दिया था. 21 दिसंबर तक मस्जिद के फ्लोर को गिराने का आदेश दे दिया गया था. लेकिन मस्जिद कमेटी ने पैसा और मजदूर की कमी का हवाला देकर काम रोक दिया है. फिलहाल सर्दी ज्यादा बढ़ गई है, इसलिए काम रोकने की बात कही जा रही है. हालांकि मस्जिद कमेटी ने 3 मंजिलों में से दो मंजिलों की दीवारें गिरा दी हैं. आज अदालत में इसकी रिपोर्ट भी पेश की गई.
आज मस्जिद कमेटी गैर कानूनी हिस्से को तोड़ने के लिए समय की मांग की है. मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि “आयुक्त अदाल के आदेश के मुताबिक ही गैर कानूनी निर्माण गिराने का काम शुरू कर दिया गया था. आजकल सर्दी की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे हैं. जो काम कर रहे थे, वह अपने गांव वापस जा चुके हैं. ऐसे में अब यह काम मार्च के बाद ही शुरू किया जाएगा. इस बारे में आयुक्त अदालत से भी समय मांगा जाएगा.”
आज शिमला की संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मुख्य याचिका पर सुनाई की. सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड अदालत में जमीन के मालिकाना हक का राजस्व रिकॉर्ड पेश नहीं किया. वक्फ बोर्ड के वकील बीएस ठाकुर ने कोर्ट से सुनवाई टालने का आग्रह किया.
उन्होंने बताया कि रिवेन्यू करेक्शन के लिए अधिकारियों से आग्रह किया गया है. वक्फ बोर्ड ने मस्जिद की जमीन का रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा. मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च के लिए तय की गई है. बता दें कि बीते 5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद के दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को गिराने के आदेश दिए थे.
नगर निगम आयुक्त की अदालत में अवैध निर्माण गिराने को लेकर भी सुनवाई हुई. संजौली मस्जिद कमेटी ने करीब 50 फीसदी अवैध निर्माण को गिराने की बात कही है. कोर्ट ने 15 मार्च तक मस्जिद में अवैध निर्माण गिराकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा है.
संजौली के स्थानीय लोगों की तरफ से साल 2010 में नगर निगम को शिकायत दी गई थी कि यहां अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण हो रहा है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने भी नगर निगम आयुक्त की अदालत को मस्जिद के नीचे दो मंजिलों पर निर्णय देने के लिए 20 दिसंबर तक का समय दिया है. संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश पहले ही किया जा चुका है.