Jamaat-e-Islami Hind President Syed Sadatullah Husaini On Gaza Genocide: जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि फिलिस्तीन का मसला बहुत गंभीर हो चुका है. इस जंग में लाखों आम नागरिक मारे जा चुके हैं. रोजाना भूख और प्यास से बच्चे मर रहे हैं. यह हमें मालूम होना चाहिए और दुनिया को भी बताना चाहिए.
‘इंसानी तारीख की पहली जंग जिसमें बच्चों को निशाना बनाया गया है’
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि यह इंसानी तारीख की पहली जंग है, जिसमें बुजदिल जालिमों ने बच्चों को निशाना बना रखा है. मानव अधिकार के आंकड़ों के मुताबिक, शहीद होने वालों में 70 फीसदी बच्चें और औरते हैं.
‘भूख और प्यास को हथियार बनाया गया है’
उन्होंने आगे कहा कि यह पहली जंग है, जिसमें भूख और प्यास को हथियार बनाया गया है. भूख और प्यास से तड़पाकर मासूम नागरिकों को मारा जा रहा है. टीचर्स, स्कॉलर्स, पत्रकारों को घात लगाकर मारा जा रहा है, रिलीफ वर्करों को मारा जा रहा है.
‘मासूम बच्चों पर बम बरसाए जा रहे हैं’
जमात के अध्यक्ष ने आगे कहा कि अस्पतालों, रिलीफ कैंपों और स्कूलों को निशाना बनाकर तबाह किया जा रहा है. ब्रेड के एक टूकड़े के लिए लाइन में लगे मासूम बच्चों पर बम बरसाए जा रहे हैं. इंसानी तारीख में इस तरह की जुल्म, दरिंदगी और बर्बरता की इस तरह की तस्वीरें कभी नहीं देखी.
उन्होंने आगे कहा कि कुरआन कहता है जो शहीद हो गए हैं, वह दरअसल अपनी जानों का अल्लाह ताला से सौदा करते हैं. जन्नत के बदले में अपनी जानों की तिजारत करते हैं.
‘यह गाजा पर नहीं बल्कि दुनिया के 700 करोड़ इंसानों के जमीर पर हमला’
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि असल मसला बाकी दुनिया का है. बेसुमार हुकूमतों का, मुसलमान हुक्मरानों का नकारा आलमी इदारों का मसला है, जिनकी निगाहों के सामने यह सब हो रहा है. यह गाजा के दो मिलियन नागरिकों पर हमला नहीं है, बल्कि दुनिया के 700 करोड़ इंसानों के जमीर पर हमला है. गाजा में शहीद होने वाले तो जिंदा हैं. मौत अगर आ रही है तो वह 7 बिलियन लोगों के दिलों की मौत हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ फिलिस्तीन का मसला नहीं है, यह आलमे अरब का मसला नहीं है, बल्कि यह पूरी इंसानियत का मसला है.
‘फिलिसितीनी पूरी इंसानियत के लिए लड़ रहे हैं’
गाजा में फिलिस्तीनियों के सब्र का इम्तेहान हो रहा है और उसमें वह कामयाब हो रहे हैं. फिलिसितीन के लोग सिर्फ अपनी लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि पूरी इंसानियत की लड़ाई लड़ रहे हैं.
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि हम मुस्लिम हुक्मरानों से बार- बार मांग कर रहे हैं कि यह वक्त डिप्लोमेशी का नहीं है, यह इंसानियत को बचाने का वक्त है. यह अपनी जिम्मेदारी अदा करने का वक्त है.
