जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने नई दिल्ली स्थित जमीयत उलेमा-ए-हिंद मुख्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए देश में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत पर कहा कि फिरकापरस्त ताकतें इस्लाम और मुसलमानों दोनों को खत्म करने पर तुली हुई हैं.
‘जिन्होंने इस्लाम को बुझाने की कोशिश की, वे खुद बुझ गए..’
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि धर्म के आधार पर लोगों को बांटने से देश कमज़ोर हो रहा है. जो हो रहा है, उसे देखकर लगता है कि फिरकापरस्त ताकतें इस्लाम और मुसलमानों दोनों को खत्म करने पर तुली हुई हैं. लेकिन शायद उन्हें यह नहीं पता कि इस्लाम का यह चिराग कभी नहीं बुझेगा और जिन्होंने इसे बुझाने की कोशिश की, वे खुद बुझ गए. भारत के सामाजिक ताने-बाने को बचाने और इसके संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए एकता और न्याय की जरूरत है.
धर्म के आधार पर लोगों को बांटने से देश कमज़ोर हो रहा है। जो हो रहा है, उसे देखकर लगता है कि फिरकापरस्त ताकतें इस्लाम और मुसलमानों दोनों को खत्म करने पर तुली हुई हैं। लेकिन शायद उन्हें यह नहीं पता कि इस्लाम का यह चिराग कभी नहीं बुझेगा और जिन्होंने इसे बुझाने की कोशिश की, वे खुद… pic.twitter.com/d8ot48mdVS
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) November 22, 2025
‘देश में किसी यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर मुसलमान नहीं बन सकता’
मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा दुनिया ये समझती है कि मुसलमान खत्म हो गया है, लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि ये हुआ है. उन्होंने कहा कि जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क का मेयर बन सकता है, लंदन का मेयर खान बन सकता है. लेकिन हिंदुस्तान के अंदर किसी यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर मुसलमान नहीं बन सकता है. और अगर बनेगा तो आजम खान की तरह जेल के अंदर जाएगा.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली धमाके के बाद चर्चा में आए अल- फलाह यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए कहा कि आज देखिए अल- फलाह यूनिवर्सिटी में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि देश की सरकार आजादी के बाद से लगी हुई है कि मुसलमानों को सर उठाकर नहीं रहने देना है. सरकार चाहती है कि मुसलमानों के पैरों के नीचे से जमीन निकल जाए और आज ऐसा हो रहा है.

