नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत के कॉलेज में एडमिशन देने की मांग पर सुनवाई कल यानी 16 सितंबर तक के लिए टाल दी है। केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि ये छात्र या तो नीट में कम अंक के चलते वहां गए थे, या सस्ती पढ़ाई के लिए। इन छात्रों का भारत मे दाखिला कानूनन संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा है कि यूक्रेन के कॉलेज से सहमति लेकर दूसरे देश में डिग्री पूरी करें।
रॉयल बुलेटिन की खबर के अनुसार, पांच सितंबर को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि विदेश मंत्रालय यह विषय देख रहा है। हो सकता है कि छात्रों के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाया जाए।
26 अगस्त को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सरकार को तय करना है कि क्या भारत के कॉलेजों में इतनी जगह है और क्या नियमों के तहत इन्हें भारत में दाखिला दिया जा सकता है।
याचिका पार्थवी आहूजा और प्राप्ति सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में स्थिति सामान्य होने की अभी कोई संभावना नहीं है। हजारों छात्रों का भविष्य अधर में है।
याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को प्रवेश नियमों में छूट देकर सरकारी और निजी कॉलेजों में जगह दी जाए।
याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों की पढ़ाई पूरी करने के लिए वहां के कॉलेज और यूनिवर्सिटी से समन्वय कर उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई पूरी करने का दिशानिर्देश जारी किया जाए।