Delhi Riots Case 2020: दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में जेल में बंद उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा समेत समेत अन्य आरोपियों की जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने बीते दिनों 2 सितंबर को खारिज कर दी है. हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद इन सभी आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई आज यानी कि शुक्रवार, 12 सितंबर को होगी.
रिपोर्टों के मुताबिक ,सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी.
सभी आरोपियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के दिए आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद और शरजील इमाम के साथ– साथ अथर खान, खालिद सैफी, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी है. सभी आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत न देने के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
उमर खालिद की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट त्रिदीप पैस ने दलील दी थी कि केवल किसी व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल होना, बिना कोई मैसेज भेजे, कोई अपराध नहीं है. त्रिदीप पैस ने कहा कि उमर खालिद के पास से न तो कोई सामान मिला है, न ही कोई पैसे की बरामदगी हुई है.
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि 23-24 फरवरी 2020 की रात जो कथित “गुप्त बैठक” बताई जा रही है, वो वास्तव में गुप्त थी ही नहीं, जैसा कि अभियोजन पक्ष दावा कर रहा है.
जमानत नहीं मिलने पर उठ रहे हैं सवाल
बता दें कि ये सभी आरोपी लंबे समय से जेल में बंद है. हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद देशभर के लोगों ने सवाल खड़े कर दिए हैं.
वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने कहा कि पांच साल गुजर गए. फिर भी इंसाफ इंतजार कर रहा है. तो क्या सजा होने से पहले ही सजा देनी है. फिर कोर्ट को भी बेल के नियम और जेल के अपवाद होने का ज्ञान बंद कर देना चाहिए.

