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उन्नाव रेप केस: BJP के पूर्व विधायक सेंगर को जमानत, इंसाफ मांगने धरने पर बैठी पीड़िता को दिल्ली पुलिस ने जबरन उठाया

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ धरने पर बैठी एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने कहा कि इस देश में बलात्कारी को राहत मिल सकती है, लेकिन पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल सकता हैं.

Unnao Rape Case: उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने चार शर्तों के साथ कुलदीप सिंह को जमानत दी है. बीजेपी के पूर्व विधायक को जमानत मिलने के बाद रेप पीड़िता और उसकी मम्मी समेत कई लोग इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठ गईं, हालांकि पुलिस ने उनके साथ आरोपियों के तरह बर्ताव करते हुए वहां से हटाते दिया.

पीड़िता के साथ आरोपियों के तरह बर्ताव

दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रेप पीड़िता, उसकी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठी थी. इंसाफ मांगने के लिए धरने पर बैठी रेप पीड़िता को पुलिस वहां से जबरन उठाकर ले गई. पुलिस के इस बर्ताव से गंभीर सवाल उठ रहे हैं. लोगों का कहना कि पीड़ितों के साथ आरोपियों के तरह बर्ताव और आरोपियों को जमानत मिल रही है.

‘बलात्कारी को राहत मिल सकती है, लेकिन पीड़िता को इंसाफ नहीं’

रेप पीड़िता के साथ धरने पर बैठी एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने कहा कि इस देश में बलात्कारी को राहत मिल सकती है, लेकिन पीड़िता को इंसाफ नहीं मिल सकता हैं. उन्होंने आगे कहा कि अपने देश में न्याय की उम्मीद करना ही अब सबसे बड़ा धोखा है.

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने क्या कहा?

कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ समय पहले तक, दिल्ली हाई कोर्ट को देश का सबसे अच्छा हाई कोर्ट माना जाता था, जिसमें ज्यादातर ईमानदार जज थे. लेकिन, आज यह सबसे खराब हाई कोर्ट में से एक है. भ्रष्टाचार का वायरस इस हाई कोर्ट में तेजी से फैल गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 15 लाख रुपए के निजी मुचलके पर सशर्त रिहा करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही ये चार शर्तें भी लगाईं.

  • पीड़िता से पांच किलोमीटर दूर रहना होगा.
  • हर सोमवार को पुलिस को रिपोर्ट करना होगा.
  • पासपोर्ट संबंधित प्राधिकरण के पास जमा कराना होगा, ताकि देश छोड़कर न जा सकें.
  • एक भी शर्त तोड़ी तो बेल रद्द कर दी जाएगी.

क्या और कब का है मामला?

बता दें कि साल 2017 में उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 17 साल की नाबालिग लड़की को अगवा कर रेप किया था. सीबीआई ने इस रेप केस केस की जांच की थी. इसके बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसबंर 2019 को दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए मौत तक जेल में रखने के आदेश दिए थे. साथ ही 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था.

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