हसन नसरल्लाह की शहादत पर कैंडल मार्च निकालने वाले मुसलमानों पर एफआईआर, पुलिस ने अनुमति नहीं लेने का लगाया आरोप

अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की शहादत पर कैंडल मार्च निकाल रहें मुसलमानों के खिलाफ़ पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज़ कर ली है.

बीते 1 अक्टूबर को आयोजित यह विरोध प्रदर्शन हसन नसरल्लाह की शहादत पर आक्रोश और शोक व्यक्त करने के लिए आयोजित किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में नसरल्लाह की तस्वीरें पकड़ी हुई थीं और इसराइल के खिलाफ नारे लगा रहे थे.

पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने इस आयोजन के पहले अनुमति नहीं ली थी, जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत उल्लंघन है. कानून के तहत बिना आधिकारिक अनुमति के पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है.

जिसके कारण पुलिस ने 11 नामजद समेत 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 189(2) (गैरकानूनी सभा) और धारा 223(ए) (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है.

इस मामले को लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है.

बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने हसन नसरल्लाह की शहादत पर दुख और एकजुटता व्यक्त करने वाले व्यक्तियों को निशाना बनाने के लिए पुलिस की आलोचना की. उन्होंने मांग की है कि सरकार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी मामले तुरंत वापस ले.

बता दें कि पिछले शुक्रवार को लेबनान के सबसे ताक़तवर सशस्त्र ग्रुप हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की इसराइली हमले में मौत हो गई थी.

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