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बांग्लादेश की घटनाओं पर हंगामा, लेकिन देश में हो रही मॉब लिंचिंग पर चुप्पी.. मौलाना अरशद मदनी ने उठाए सवाल

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बांग्लादेश की घटनाओं पर चर्चा और देश में हो रही मॉब लिंचिंग पर चुप्पी बेहद अफसोसनाक है. इस दोहरे रवैये को क्या नाम दिया जाए?

Arshad Madani On Moblynching: बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से तनाव की स्थिति बनी हुई. बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें भी आ रही है. इन घटनाओं की जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama- i- Hind) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कड़ी अलोचना की है. साथ ही अरशद मदनी ने भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की घटना पर टीवी चैनलों में चर्चा और देश में हो रही मॉब लिंचिंग पर चुप्पी बेहद अफसोस की बात है.

अरशद मदनी ने बांग्लादेश की घटनाओं पर क्या कहा? 

जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, वह बहुत ही बुरा हुआ. यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि हैवानियत और दरिंदगी की इंतिहा है. इसकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है. इस्लाम इसकी बिल्कुल भी अनुमति नहीं देता है. जिन लोगों ने ऐसा किया है, उन्होंने न केवल इस्लामी शिक्षाओं का उल्लंघन किया है, बल्कि इस्लाम को बदनाम करने का काम भी किया है. इसलिए ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.

मौलाना अरशद मदनी ने भारत में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की भी कड़ी अलोचना की. उन्होंने कहा कि धार्मिक उग्रवाद और नफरत हमारे देश को भी तबाह-बर्बाद कर रही है.

‘देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हैं अत्याचार’

जमीयत के अध्यक्ष ने कहा कि क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के साथ सांप्रदायिक तत्वों ने जो कुछ किया, उसे भी किसी भी रूप में सही नहीं ठहराया जा सकता. यह संविधान में नागरिकों को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है. जगह-जगह चर्चों पर हमले हुए, और ईसाई समुदाय को अपना त्योहार मनाने से रोकने की कोशिश की गई.

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कुछ दिन पहले बिहार के नालंदा में कपड़ों की फेरी लगाने वाले एक मुसलमान से कुछ लोगों ने नाम और धर्म पूछकर इतनी बेरहमी से मारपीट की कि उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. केरल में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां छत्तीसगढ़ के एक दलित युवक को बांग्लादेशी बताकर मौत के घाट उतार दिया गया. इसके कुछ ही दिनों बाद ओडिशा में पश्चिम बंगाल के तीन मुस्लिम मजदूरों की मॉब लिंचिंग हुई, जिसमें से एक की मौत हो गई और दो लोग अस्पताल में इलाजरत हैं.

‘देश में हो रही मॉब लिंचिंग पर सरकार की चुप्पी बेहद अफसोसनाक’

जमीयत के अध्यक्ष ने आगे कहा कि लेकिन दुख की बात यह है कि इन घटनाओं की न तो सरकार ने निंदा की और न ही मंत्रिमंडल के किसी सदस्य ने इस पर कोई बयान दिया. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बांग्लादेश की घटना पर टीवी चैनलों में चर्चा और देश में हो रही मॉब लिंचिंग पर चुप्पी बेहद अफसोसनाक है. इस दोहरे रवैये को क्या नाम दिया जाए?

उन्होंने आगे कहा कि यकीनन यह वह भारत नहीं है, जिसका सपना महात्मा गांधी, शेखुल हिंद, मोतीलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद और हमारे बुज़ुर्गों ने देखा था.

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