Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के इटवा थाना क्षेत्र में स्थित अल्फारूक इंटर कॉलेज (Al Farooq Inter College) के मैनेजर मौलाना शब्बीर अहमद (Shabbir Ahmed) को धर्मांतरण के आरोप पर गिरफ्तार किया गिया है. इस मामले पर भीम आर्मी प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि चार साल पुराने विवाद के आधार पर मौलाना शब्बीर अहमद साहब को गिरफ्तार करना एक चिंताजनक विषय है.
चंद्रशेखर आजाद ने क्या कहा?
चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने साल 2020 में अल्फारूक इंटर कॉलेज में नौकरी के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे नियुक्ति नहीं मिली. अब पांच साल बाद वही व्यक्ति अचानक मौलाना पर बिना किसी नए प्रमाण या घटना के धर्म परिवर्तन का आरोप लगा रहा है.
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बीजेपी नेताओं के इशारे पर शिकायतकर्ता द्वारा झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाकर मौलाना साहब को फर्जी मामले में फंसाकर परेशान किया जा रहा है.
‘बदले की भावना से प्रेरित एक साजिश’
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हमारा सवाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है कि यदि मामला 2020 का है, तो अब तक शिकायत क्यों नहीं की गई? क्या यह कोई धार्मिक मामला है या व्यक्तिगत रंजिश और बदले की भावना से प्रेरित एक साजिश है..
‘किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाना बंद होना चाहिए’
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन से मांग की कि इस मामले की फिर से निष्पक्ष विवेचना करवाई जाए और जब तक जांच पूरी न हो, तब तक मौलाना जी की गिरफ्तारी न की जाए. साथ ही उन्होने कहा कि कानून का दुरुपयोग कर किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाना बंद होना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के जिला सिद्धार्थनगर के इटवा थाना क्षेत्र में धार्मिक शिक्षा, सामाजिक समरसता और सद्भाव के प्रतीक अल्फारूक इंटर कॉलेज के मैनेजर मौलाना शब्बीर अहमद साहब को चार साल पुराने विवाद के आधार पर गिरफ्तार करना एक चिंताजनक मिसाल बनता जा रहा है।
वर्ष 2020 में जिस शिकायतकर्ता ने…
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) July 23, 2025
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि साल 2021 में शिकायतकर्ता अखंड प्रताप सिंह नौकरी के लिए अल्फारूक इंटर कॉलेज आया था, जहां उसे नौकरी नहीं मिली. अब उसने लगभग चार सालों बाद कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद पर धर्मांतरण का आरोप लगाया है.
‘मौलाना शब्बीर अहमद एक सम्मानित और सामाजिक व्यक्ति’
लोकल मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, स्थानीय लोगों का कहना है कि मौलाना शब्बीर अहमद एक सम्मानित और सामाजिक व्यक्ति हैं और यह पूरा मामला सिर्फ निजी रंजिश और पुलिस की मिलीभगत का नतीजा है. बिना जांच के आधार पर शब्बीर अहमद की गिरफ्तारी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है.

