Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में यादव और मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर पंचायती राज विभाग की ओर से जारी विवादित आदेश पत्र पर राज्य की सियासत गरमा गई है. दरअसल, पंचायती राज विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे राज्यभर में यादव और मुस्लिमों के अवैध कब्जे वाली जमीनों को मुक्त कराने का अभियान शुरू करें. इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है.
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जो भी गैर- कानूनी हो उसके खिलाफ कार्रवाई हो क्योंकि अवैध तो अवैध होता फिर क्यों किसी जाति या धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है.
‘न्यायपालिका तुरंत संज्ञान ले, ये संविधान विरोधी काम है’
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि न्यायपालिका तुरंत संज्ञान ले, ये संविधान विरोधी काम है. हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे. पीडीए को जितना प्रताड़ित किया जाएगा, पीडीए एकता उतनी ही ज्यादा बढ़ेगी.
जो भी गैर-क़ानूनी हो उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो क्योंकि अवैध तो अवैध होता फिर क्यों किसी जाति या धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है।
न्यायपालिका तुरंत संज्ञान ले, ये संविधान विरोधी काम है। हम इसके ख़िलाफ़ कोर्ट जाएंगे।
पीडीए को जितना प्रताड़ित किया जाएगा, पीडीए एकता…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 5, 2025
चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर साधा निशाना
वहीं सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ‘यादव’ और ‘मुस्लिम’ समुदाय को नाम लिखकर टारगेट करते हुए जमीन कब्जा हटाने का योगी आदित्यनाथ के पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का यह आदेश न सिर्फ गैर- संवैधानिक है, बल्कि घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि पूरी तरह राजनीति से प्रेरित यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 पर सीधा प्रहार करता है. साथ ही, यह कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के तहत अनुशासनहीनता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि अधिकारी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते.
‘यादव’ और ‘मुस्लिम’ समुदाय को नाम लिखकर टारगेट करते हुए ज़मीन कब्जा हटाने का @myogiadityanath जी के पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का यह आदेश न सिर्फ गैर- संवैधानिक है, बल्कि घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है।
पूरी तरह राजनीति से प्रेरित यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14… pic.twitter.com/4cSla96Xx3
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) August 5, 2025
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हम योगी सरकार से मांग करते हैं कि अगर इस मामले में सरकार की नियत साफ है, तो दोषी अफसरों पर सिर्फ निलंबन ही नहीं, बल्कि FIR दर्ज कर सेवा से बर्खास्तगी की कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
पंचायती राज विभाग ने क्या आदेश जारी किया था?
पंचायती राज विभाग के आदेश में कहा गया है कि समस्त उत्तर प्रदेश में 57691 ग्राम पंचायतों में जाति विशेष (यादव) धर्म विशेष (मुस्लिम) के द्वारा अवैध कब्जों से ग्राम सभा की जमीनों, पोखरों, खाद गड्डों, खलिहानों, खेल मैदान, श्मशान भूमि एवं ग्राम पंचायत भवन को मुक्त कराने हेतु अभियान चलाने के लिए सक्षम अधिकारियों को समुचित दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
सीएम योगी ने आदेश किया रद्द
इस मामले पर सियासत तेज होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही विभाग के निदेशक को भी निलंबित कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने साफ कहा है कि अवैध कब्जों के खिलाफ एक्शन पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के अनुसार लिया जाना चाहिए. ये किसी भी जाति और धर्म के आधार पर नहीं हो सकता है.