अलीगढ़: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को संभल हिंसा को लेकर फिर से बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी नीत राज्य सरकार में हाल में खत्म हुए उपचुनावों में हुई ‘धांधली’ से ध्यान भटकाने के लिए संभल में हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया. अलीगढ़ में अखिलेश ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए दावा किया कि संभल हिंसा डेवलेपमेंट में विफलता से ध्यान हटाने की सरकार की कोशिश का हिस्सा थी.
सपा सांसद ने कहा, “लोगों को बांटने और शासन में अपने खराब रिकॉर्ड से उनका ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक अशांति भड़काने में बीजेपी का निहित स्वार्थ है”. सपा नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए विभाजन पैदा करना चाहती है और रोजगार, शिक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति की कमी को लेकर जनता की जांच से बचना चाहती है.
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है. उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार पूरी तरह से तानाशाही पर उतारू है. प्रदेश में अन्याय और अत्याचार चरम पर है. भाजपा का लोकतंत्र में यकीन नहीं है. यूपी में इमरजेंसी जैसी स्थिति है”.
दरअसल, यूपी के संभल में एक अदालती आदेश के तहत 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम 25 लोग घायल हो गए.
अखिलेश ने डीएम पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार को डर है कि जनता को अपनी चिंता व्यक्त करने की इजाजत देने से हिंसा के पीछे की सच्चाई सामने आ जाएगी.
अखिलेश ने कहा, “जब सर्वे टीम ने संभल मस्जिद का दौरा किया, तो स्थानीय कम्युनिटी ने पूरा सहयोग किया. कोई परेशानी नहीं हुई. इसके बावजूद अफसरों ने सर्वे को दोहराने का फैसला किया और इस बार उन्होंने टीम के साथ कुछ लोगों को जाने दिया, जिन्होंने भड़काऊ नारे लगाए.”
उन्होंने दावा किया कि इस कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से तनाव बढ़ाया, जिससे पता चलता है कि अफसरों ने जानबूझकर हिंसा भड़काई. अखिलेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को खत्म करके “भारत के संविधान को जानबूझकर कमजोर करने” का भी आरोप लगाया.
बता दें कि हाल ही में यूपी के 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में सपा सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही, जबकि बाकी सीटें भाजपा और उसके सहयोगी रालोद ने जीतीं. पूर्व सीएण ने कहा, “बैन लगाना बीजेपी सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी मैनेजमेंट की नाकामी है. ऐसा बैन अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए, तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता.”
उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने संभल की घटना में मारे गए बेगुनाह लोगों के परिवार वालों को पांच-पांच लाख रुपये की माली मदद देने का ऐलान किया है. अखिलेश ने कहा, “समाजवादी पार्टी की मांग है कि यूपी की मौजूदा बीजेपी सरकार संभल हिंसा में मरने वालों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा दे.”