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UP: RSS कार्यकर्ता ने दलित बुजुर्ग से पेशाब चटवाई, सांसद चंद्रशेखर भड़के, कहा- ‘वर्षों पुरानी दलित विरोधी मानसिकता…’

लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में RSS कार्यकर्ता स्वामी कांत दयाल ने दलित बुजुर्ग को जातिसूचक गाली देते हुए बेरहमी से पीटा और पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया. पूरा मामला जानने के लिए स्टोरी पढ़ें.

Lucknow, Uttar Pradesh: बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत और मानवता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में RSS कार्यकर्ता स्वामी कांत दयाल ने दलित बुजुर्ग को जातिसूचक गाली देते हुए बेरहमी से पीटा और पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया. इस घटना के सामने के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. आईए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र, पुरानी बाजार, शीतला मंदिर के सामने से एक दलित बुजुर्ग रामपाल पासी गुजर रहे थे. इस दौरान उन्हें दिक्कत महसूस हुई, तो मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए. इस दौरान बुजुर्ग की पेशाब निकल गई.

इतने में ही RSS कार्यकर्ता स्वामी कांत दयाल वहां आया और बुजुर्ग को जातिसूचक गालियां देते हुए बेरहमी से पीटने लगा. इसके बाद उसने दलित बुजुर्ग को पेशाब चटवाई और इसके बाद पूरा मंदिर धुलवाया. पीड़ित परिवार वालों के मुताबिक, बुजुर्ग को सांस की बीमारी है.

दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन- चंद्रशेखर आजाद’

इस घटना पर आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र, पुरानी बाजार, शीतला मंदिर में RSS कार्यकर्ता द्वारा दलित बुजुर्ग रामपाल पासी को पेशाब चाटने के लिए मजबूर करना, सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि जातिवाद व सामंतवाद की वर्षों पुरानी दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है.

चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि बीमारी से पीड़ित एक बुजुर्ग को, जिनसे पानी पीते समय गलती से थोड़ा पानी नीचे गिर गया था, आरोपी ने कहा कि “तुमने पेशाब किया है” और पानी मंगवा कर उससे धूलवाया. साथ ही जातिसूचक गालियां देकर अपमानित किया गया. यह न केवल मानवता के लिए कलंक है, बल्कि संविधान की आत्मा पर भी प्रहार है. शरीर पर सत्ता का जोर, आत्मा पर जातिवाद का विष है.

सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उतर प्रदेश सरकार से आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कठोर सजा देने की मांग की है.

कांग्रेस ने कहा- दलितों का अपमान, योगी सरकार की पहचान

वहीं कांग्रेस ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह घटना दिखाती है कि दलितों के अपमान, अत्याचार और हिंसा अब योगी सरकार की पहचान बन चुके हैं. BJP-RSS संविधान को खत्म करके मनुवाद लागू करना चाहती है, ताकि दलितों को फिर से अपना गुलाम बनाया जा सके.

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