عقابی روح جب بیدار ہوتی ہے جوانوں میں
نظر آتی ہے اس کو اپنی منزل آسمانوں میں
उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानो में
नज़र आती है उस को अपनी मंज़िल आसमानों में
Uqaabi rooh jab bedaar hoti hai jawaano mein
nazar aati...
ईसाई ग़ुलाम अद्दास का इस्लाम स्वीकार करना
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
नबी (सल्ल.) के मक्का में रहते हुए यह आख़िरी साल था। मक्का के सरदारों और धनाढ्य लोगों को दिलों पर मानो मुहर लग गई थी। उन्हें...
नई दिल्ली: देशभर में 3 मई को ईद-उल-फितर बड़ी धूमधाम और जोश-ओ-ख़रोश के साथ मनाई गई. दिल्ली के मस्जिद इशाअते इस्लाम में ईद का खुत्बा जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष अमीनुल हसन ने दिया.
ईद के ख़ुत्बे में उन्होंने मुसलमानो...
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) मुश्किलों के घेरे में
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम। हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) जो सारे संसार के लिए सर्वथा दयालुता बनाकर भेजे गए थे, उन्हें मक्का में भी और मक्का के बाद मदीना में...
नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों और हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा हो रहे हैं, खासतौर पर जिस तरह से रामनवमी के मौके पर हुए हैं. रामनवमी के मौके पर शोभा यात्रा के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा...
حیا نہیں ہے زمانے کی آنکھ میں باقی
خدا کرے کہ جوانی تری رہے بے داغ
हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी
खुदा करे की जवानी तेरी रहे बे-दाग़
Hayaa nahi hai zamaane ki aankh mein baaqi
khuda kare ki jawaani...
हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) और अबू-तालिब का इन्तिक़ाल
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
नबी (सल्ल.) का आन्दोलन आगे बढ़ता जा रहा था। सद्बुद्धि रखनेवाले लोग धीरे-धीरे इस्लाम के दायरे में दाख़िल हो रहे थे।...
یہ علم، یہ حکمت، یہ تدبّر، یہ حکومت!
پیتے ہیں لہُو، دیتے ہیں تعلیم مساوات
यह इल्म, यह हिक्मत, यह तदब्बुर, यह हुकूमत!
पीते हैं लहू, देते हैं तालीमे मसावात
Yeh ilm, yeh hikmat, yeh tadabbur, yeh hukoomat!
pete hain lahu, dete hain...
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) का सामाजिक बहिष्कार
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) की पैग़म्बरी का सातवाँ साल था और क़ुरैश का विरोध बढ़ता जा रहा था, क्योंकि वे देख रहे थे कि सकारात्मक सोच और...
ظاہر میں تجارت ہے، حقیقت میں جُوا ہے
سود ایک کا لاکھوں کے لیے مرگِ مفاجات
ज़ाहिर में तिजारत है, हकीकत में जुवा है
सूद एक का लाखों के लिए मर्गे मुफाजात
Zaahir mein tijaarat hai, haqeeqat mein juwa hai
sood ek ka...