थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना देश की सीमाओं पर शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी संभावित खतरे को लेकर चौकन्ना तथा तैयार है.
उन्होंने आज लड़े जाने वाले युद्धों के तरीके में आए बदलावों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सेना ने नए हथियारों और आधुनिक उपकरणों से अपनी दक्षता बढ़ायी है.
सेना प्रमुख चार पैराशूट बटालियनों को यहां प्रतिष्ठित ‘प्रेजीडेंट्स कलर्स’ से सम्मानित करने के बाद बोल रहे थे. इसे सेना में ‘निशान’ सम्मान के नाम से भी जाना जाता है.
जनरल नरवणे ने कहा, ‘भारतीय सेना आज चुनौतिपूर्ण दौर से गुजर रही है. आप हमारी सीमाओं पर घटनाक्रम से भली भांति परिचित हैं. सेना सीमाओं पर शांति तथा स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. मैं निश्चित तौर पर कहना चाहता हूं कि हम किसी भी संभावित खतरे को लेकर चौकन्ना तथा तैयार हैं.’
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जंग के क्षेत्र में काफी बदलाव आए हैं. हथियारों के इस्तेमाल और जंगें कैसे लड़ी जाती हैं, इनमें काफी परिवर्तन आए हैं.
उन्होंने कहा, ‘सेना ने नए हथियारों और अधुनिक उपकरणों से अपनी दक्षता बढ़ायी है. बदलाव की यह प्रक्रिया जारी है लेकिन पिछले दो से तीन वर्षों में इन प्रयासों में नयी तीव्रता और गति आयी है.’
जिन चार बटालियनों को प्रेजीडेंट्स कलर्स से सम्मानित किया गया, उनमें 11 पैरा (विशेष बल), 21 पैरा (विशेष बल), 23 पैरा और 29 पैरा शामिल हैं.
यहां पैराशूट रेजीमेंट प्रशिक्षण केंद्र (पीआरटीसी) में ‘कलर प्रेजेंटेशन परेड’ आयोजित की गयी.
जनरल नरवणे ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से पैरा बटालियनों को ‘निशान’ से सम्मानित करना उनके लिए गर्व की बात है. उन्होंने चार बटालियनों के सभी अधिकारियों को बधाई दी.
उन्होंने कहा कि पैराशूट रेजीमेंट भारतीय सेना की सर्वश्रेष्ठ रेजीमेंट में से एक है और इसकी अपनी प्रतिष्ठित विरासत है तथा इसे युद्ध मैदानों में शौर्य और साहस के लिए पहचाना जाता है. उन्होंने कहा, ‘देश को उसकी उपलब्धियों पर गर्व है.’
सेना प्रमुख ने पैशशूट रेजीमेंट के देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी. इस मौके पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
परेड में आठ पैरा ट्रूपर्स ने ‘कॉम्बैट फ्री फॉल’ का प्रदर्शन भी किया. हालांकि, तेज हवाओं के कारण पैरामोटर उड़ान का प्रदर्शन रद्द कर दिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि ‘प्रेजीटेंड्स कलर्स’ पुरस्कार युद्ध तथा शांति दोनों के दौरान राष्ट्र को दी गयी असाधारण सेवा की पहचान के लिए किसी सैन्य टुकड़ी को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान है. इसे ‘निशान’ के नाम से भी जाना जाता है.
(इनपुट) पीटीआई-भाषा