Maulana Mahmood Madani Assam Visit: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आज यानी कि सोमवार, 1 सितंबर को असम में बलडोजर कार्रवाई से बेघर हुए पीड़ित मुस्लिम परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना महमूद मदनी सहित संगठन के कई अधिकारी मौजूद थे.
‘ये कार्रवाई इंसानियत के खिलाफ’
मौलाना महमूद मदनी ने इस दौरान कहा कि हमारी लड़ाई अतिक्रमण हटाने के खिलाफ नहीं है, बल्कि उस अमानवीय तरीके के खिलाफ है जिससे लोगों को बेघर किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी की जा रही है और कानून की जगह डर, धमकी और जबरदस्ती का सहारा लिया जा रहा है. ये सब न सिर्फ इंसाफ के खिलाफ है, बल्कि इंसानियत के भी खिलाफ है.
Maulana Mahmood Madani’s Assam Visit – Meeting with Victim Families
“We are ready to go to jail, but will never abandon the fight for justice”: Maulana Mahmood Madani“Our struggle is against ignoring judicial orders, rendering people homeless, and using fear, threats, and force… pic.twitter.com/Yiyy9DLQIV
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) September 1, 2025
‘हम फांसी और जंजीरों के लिए भी तैयार’
महमूद मदनी ने आगे कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद हमेशा मजलूमों के साथ खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी. अगर जरूरत पड़ी तो हम फांसी और जंजीरों के लिए भी तैयार हैं, लेकिन पीड़ितों का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे. यही हमारे बुजुर्गों की रौशन विरासत रही है, और हम इसे आगे भी निभाते रहेंगे.
राहत शिविरों में बेघर हुए परिवारों से मुलाकात की
मौलाना महमूद मदनी की अगुवाई में गए प्रतिनिधिमंडल ने लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा की और कई स्थानों पर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान वो बेटबाड़ी सहित कई राहत शिविरों में गई, जहां बेघर हुए लोग किसी तरह से रह रहे हैं.
प्रतिनिधिमंडल में ये लोग रहे शामिल
मौलाना महमूद मदनी के साथ गए जमीयत प्रतिनिधिमंडल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, जमीयत उलेमा बिहार के अध्यक्ष मुफ़्ती जावेद इक़बाल, जमीयत उलेमा किशनगंज के सचिव मौलाना खालिद किशनगंज, मौलाना नवीद आलम कासमी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के आयोजक कारी नौशाद आदिल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के आयोजक मौलाना सलमान कासमी, कोकराझार, असम के मौलाना हाशिम कासमी शामिल थे.

