रामपुरहाट हिंसा मामले के संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाएगा, कड़ी सजा मिलेगी: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि रामपुरहाट हिंसा मामले के संदिग्धों के आत्मसमर्पण ना करने पर उन्हें ढूंढकर गिरफ्तार किया जाएगा और पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले.

बनर्जी ने बृहस्पतिवार को बोगतुई गांव का दौरा किया, जहां मंगलवार को आठ लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाकर मार दिया गया था.

बनर्जी ने पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया.

उन्होंने कहा, ‘पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि रामपुरहाट हिंसा मामले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले. अदालत के समक्ष एक कड़ा मामला दायर किया जाएगा.’

मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने और क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे.

बनर्जी ने कहा, ‘पुलिस को पूरे बंगाल में अवैध आग्नेयास्त्रों और बमों के गुप्त जखीरों का पता लगाने का आदेश भी दिया गया है.’

वहीं दूसरी तरफ AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए इस हादसे के बारे में कहा ‘जो वहां (बीरभूम में) हुआ वह बताता है कि राजनीतिक पार्टियां उस राज्य के मुसलमानों के नाम पर वोट लेती हैं लेकिन उनको न शिक्षा और न कलम देती हैं बल्कि उनके हाथों में बम थमा देती हैं. जो भी बीरभूम में हुआ उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं.’

 

वहीं पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी को पहले आना चाहिए था. पश्चिम बंगाल के इतिहास में कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ, ये मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. ममता बनर्जी परिवार के लोगों को नौकरी और पैसा देकर खरीदना चाहती हैं. उनके हाथों से कानून व्यवस्था निकल चुकी है.’

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बीरभूम पहुंच कर मीडिया से बात करते हुए कहा ‘यहां के लोग सरकार पर भरोसा नहीं करते हैं इसलिए हमने आर्टिकल 355 की मांग की है. हम इसके लिए कोर्ट में भी गए. हमारी मांग है कि CBI की जांच हो. बंगाल की मुख्यमंत्री आज यहां पिकनिक करने आईं थीं. हेलिकॉप्टर से आईं यहां खाना खाया और चली गईं.’

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को यहां के लोगों के साथ बैठ कर उनकी बात सुननी चाहिए थी. मुझे भी यहां आने से रोका गया था. मैंने 2 घंटे धरना दिया तब जाकर मुझे यहां आने की इजाजत मिली. ये किसी के बाप का रास्ता है क्या? ममता बनर्जी के पिता जी की संपत्ति है क्या?.

गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के कुछ घरों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि यह घटना सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पंचायत अधिकारी की हत्या के प्रतिशोध स्वरूप हुई थी.

(पीटीआई-भाषा से इनपुट के साथ)

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