‘टीटीडी में केवल हिंदू तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम क्यों?’: असदुद्दीन ओवैसी

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मंदिर में “केवल हिंदू” कर्मचारी को रोजगार देने के बारे में नए तिरुपति मंदिर के चेयरमैन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के चेयरमैन ने तिरुमाला में सिर्फ हिंदू कर्मचारी रखने का ऐलान किया है. वहीं केंद्र की एनडीए सरकार वक्फ बोर्डों में गैर-मुसलमानों को शामिल करना चाहती है.

दरअसल, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन ने ऐलान किया है कि तिरुमाला में केवल हिंदुओं को काम करना चाहिए. टीटीडी बोर्ड के नव-नामित अध्यक्ष बी आर नायडू ने 31 अक्टूबर को कहा कि भगवान वेंकटेश्वर के निवास तिरुमाला में काम करने वाले सभी लोग हिंदू होने चाहिए. इसे लेकर ओवैसी ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों का होना अनिवार्य करना चाहती है. ज्यादातर हिंदू बंदोबस्ती कानून इस बात पर जोर देते हैं कि केवल हिंदू ही इसके मेंबर होने चाहिए.

लोकसभा सदस्य ने कहा, “टीटीडी बोर्ड (तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम) के 24 मेंबरों में से एक भी मेंहबर गैर-हिंदू नहीं है. टीटीडी के नए अध्यक्ष का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए…हम इसके खिलाफ नहीं हैं. हमें आपत्ति सिर्फ इस बात से है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ काउंसिल में 2 गैर मुस्लिम मेंबर होना अनिवार्य कर दिया गया है… आप क्यों ला रहे हैं वक्फ बिल में ये प्रावधान?”

उन्होंने आगे कहा, “टीटीडी हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म के लिए है. समानता होनी चाहिए…जब टीटीडी के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे होंगे?”.

इसी साल अगस्त महीने में वक्फ (अमेंडमेट) बिल, 2024 लोकसभा में पेश किया गया था. लेकिन, सदन में बिल के खिलाफ भारी विरोध को देखते हुए इस बिल को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद की संयुक्त समिति में भेजा दिया. जगदंबिका पाल की अगुआई वाली संसदीय संयुक्त समिति में इस बिल पर कई चर्चाएं हो चुकी हैं.

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