सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के जिला संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के मामले पर अभी भी बयानबाजी हो रही है. एक प्रोग्राम में शामिल हुए कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने संभल जामा मस्जिद के सर्वे पर सवाल उठाए हैं. इमरान मसूद ने प्रोग्राम में कहा कि “भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की स्थापना हुई 1872 में और काम शुरू हुआ 1905 में. यह मस्जिद बनी है उससे भी 300 साल पहले. एएसआई (ASI) तो प्रोटेक्टर है. एएसआई (ASI) ने मालिकाना हक जताना शुरू कर दिया.” सहारनपुर से सांसद ने कहा कि अब “एएसआई (ASI) बताएगा कि हम कहां नमाज पढ़ें और कहां वजू करें.”
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, इमरान मसूद ने कहा कि “एएसआई (ASI) प्रोटेक्टर है. रेलिंग लगी है. वह हो सकता है कि उसके बाद लगी हो. सर्वे की बात है, तो उसी दिन न्यायालय का आदेश आया और सर्वे शुरू हो गया. भीड़ आ गई. मुसलमान होकर कह रहा हूं कि सबसे ज्यादा सुखी और सुरक्षित हिंदुस्तान में हूं.”
इमरान मसूद के इस बयान पर भाजपा ने सुधांशु त्रिवेदी ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि “दिल की आरजू जबान पर आ ही गई. कहते हैं कि एएसआई (ASI) प्रोटेक्टर है. फिर कहते हैं कौन होता है एएसआई (ASI) यह तय करने वाला कि हम कहां वजू करेंगे और कहां नमाज.” सुधांशु ने कहा कि “तीन सौ साल पुराना कहेंगे तो ये भी देखा जाएगा कि तीन हजार साल पहले क्या था.”
बता दें, 24 नवंबर को सर्वे के बाद संभल में हिंसा हुई थी. इस दौरान चार लोगों की मौत हुई थी. वहीं कई लोग घायल भी हुए थे. घायलों में पुलिसकर्मी भी शामिल थे. इस दौरान पुलिस पर आरोप लगा था कि उन्होंने लोगों पर फायरिंग की थी. हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
संभल हिंसा के बाद कई एफआईआर दर्ज की गई थीं. जिसमें कुल 2700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. उस दौरान संभल के एसपी कृष्ण कुमार ने कहा था कि हमारे सब इंस्पेक्टर जो घायल हुए हैं. उन्होंने 800 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इस दौरान उन्होंने बताया था कि सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और सोहेल इक़बाल को आरोपी बनाया गया है. उन्होंने भीड़ को उकसाने का काम किया था.
इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी. जिनके नाम नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ़ थे. सभी संभल के ही रहने वाले थे. हिंसा के बाद पुलिस ने एनएसए कानून के तहत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.