फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के साथ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाक़ात की जाएगी: जमाअत इस्लामी हिन्द

नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों और हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा हो रहे हैं, खासतौर पर जिस तरह से रामनवमी के मौके पर हुए हैं. रामनवमी के मौके पर शोभा यात्रा के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और जिस तरह से राज्य सरकारें और पुलिस एक तरफा कार्रवाई कर रही है उससे तो यही लगता है कि यह सब अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों को भयभीत करने की जगह-जगह साजिशें हो रही हैं.

मुस्लिम मुहल्लों में मस्जिदों के बिलकुल सामने उकसाया जा रहा है, पुलिस की उपस्थिति में लाठी डंडे लहरा लहरा कर दिल दहला देने वाले नारे लगाए जा रहे हैं और सब मूक दर्शक बने हुए हैं. ऐसा लगता है जैसे देश में अब न तो कोई कानून रह गया है और न ही कोई सरकार जो उन्हें पकड़ सके. सांप्रदायिकों द्वारा मुसलमानों का जीना दूभर किया जा रहा है और केन्द्र सरकार इस तरह खामोश है जैसे यह कोई बात ही नहीं है.

अभी हाल ही में राजस्थान के करौली में सांप्रदायिक हिंसा हुआ था जहां पर मुसलामनों के घरों और दुकानों को जला दिया गया था जिसके बाद देश के राष्ट्रीय मुस्लिम संगठनों के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने दंगा प्रभावित इलाक़ों करौली का दौरा किया था, जिसमें जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष (अमीर)) सैयद सदातुल्लाह हुसैनी, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास, अध्यक्ष मजलिसे मुशावरत नावेद हामिद, नदीम खान फाउंडर, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट और जमात अहले हदीस के अमीर मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलफी भी शामिल थे.

इसी दौरे को लेकर जमाअत इस्लामी हिन्द ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की और करौली में क्या कुछ हुआ, उस पर अपनी बात रखी.

इसी सिलसिले में जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने सदा टाइम्स से बात की और कहा कि देश के अलग अलग हिस्सों में दंगे हो रहे हैं, इससे यह बात साफ़ है कि यह लोग ध्रुवीकरण का माहौल बनाना चाहते हैं और यह कोशिशें आज से नहीं है बल्कि पहले से ही हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि कुछ राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं इसी लिए यह सब हो रहा है.

उन्होंने कहा कि एक वजह यह भी है कि महंगाई बहुत है और लोगों का ध्यान उस पर न जाये, इसलिए भी ऐसा किया जा रह है. दूसरी वजह यह है कि उनका एक एजेंडा भी है, वह लोग इस मुल्क को एक खास धर्म का मुल्क बनाना चाहते हैं और दुसरे धर्मों को ख़त्म करना चाहते हैं और इसमें एक लम्बा एजेंडा शामिल है.

उन्होंने कहा कि जो घटना मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में हुई हैं यह बहुत ही संगीन है और हमारी टीम राजस्थान का दौरा करके आई है और लोगों के हालात को जाना है और हर मुमकिन मदद की कोशिश की जाएगी.

देश में मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म के खिलाफ क्या मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलेगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह मसला सिर्फ मुसलमानों का नहीं है बल्कि यह मसला मुल्क का भी है कि हम कैसा भारत चाहते हैं. हम कैसा मुल्क चाहते हैं और अगर यह ध्रुवीकरण और समाज में उंच नीच और भेदभाव का खेल चलता रहा तो हम न तो इस मुल्क को तरक़्क़ी की राह पर ले जा सकते हैं और न ही मुल्क को ताक़तवर मुल्क बना सकते हैं. न ही इस मुल्क की समस्या को हल कर सकते हैं. इसलिए सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि सभी को मिलकर इस मसले का हल निकालना होगा और जमाअत इस्लामी हिन्द इसी तरह काम करती है.

जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि जब इन फ़सादियों को पता होता है कि हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी तभी इस तरह की हिंसा होती है और इनके हौसले बुलंद होते हैं. अगर सरकार, प्रशासन और पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई करे और यह तय किया जाये कि इस तरह की हिंसा नहीं होगी तो ऐसा कुछ नहीं होगा.

मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि इन दो जगहों के दौरों को लेकर हम बहुत जल्द प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से समय लेकर यह बात पहुंचाएंगे और उनसे मुलाक़ात करने की भी कोशिश करेंगे और जहां जहां हम जा रहे हैं वहां के प्रशासन और राज्य के मुख्यमंत्री से भी मुलाक़ात करने की कोशिशें की जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि हम सब कोशिश कर रहे हैं कि जो भी नुकसान हुआ है उसकी जानकारी सरकार को दी जाये और मुआवजा दिलाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द और दूसरे संगठन भी अपनी मदद पहुंचाएंगे और जो भी होगा वह किया जायेगा.

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