नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान यति नरसिंहानंद ने इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुह़म्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और कुरान को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद देशभर में राजनीति गरमा चुकी है. कई जगहों पर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई हैं.
अब इस मामले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की प्रतिक्रिया सामने आई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुह़म्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में नरसिंहानंद की गुस्ताखी असहनीय है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रह़मानी ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि बदज़ुबान यति नरसिंहानंद द्वारा इस्लाम के पैग़म्बर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान में कहे गए निंदनीय शब्द बिल्कुल असहनीय हैं और लाल रेखा को लांघने के बराबर है।
मौलाना ने कहा कि सरकार को ऐसे बदज़ुबान व्यक्ति पर मुक़दमा चलाना चाहिए और उसे उसकी सही जगह अर्थात् जेल भेजना चाहिए क्योंकि यह लाखों मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है और यदि प्रतिक्रिया में युवा भड़क गए तो पूरे देश की शांति व्यवस्था भंग हो सकती है।
आपने कहा कि इस्लाम की अवधारणा स्पष्ट है कि सभी धर्मों के जो पवित्र व्यक्तित्व हैं, चाहे हम उन पर विश्वास रखते हों या न रखते हों, लेकिन हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम उनका सम्मान करें, उनका अनादर करने से बचें और उनके अनुयायियों के दिलों को ठेस पहुँचाने से बचें।
इस्लाम एक ख़ुदा में विश्वास रखता है, मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखता है। लेकिन जिन देवी देवताओं को दूसरे समुदाय पूजते हैं क़ुरान मजीद में उन्हें बुरा भला कहने से मना किया गया है, यह है धर्म, अक़ीदा और धर्म के मामले में वह सही मार्ग जिससे समाज में शांति व्यवस्था क़ायम रह सकती है और जो समाज के सभी वर्गों को जोड़ सकता है।
मौलाना रह़मानी ने मुसलमानों से अपील की है कि यह एक बेतुके व्यक्ति का बयान है। आम देशवासियों की यह सोच नहीं है, हमारे देश में आज भी ऐसे हमवतनी भाई हैं और पहले भी हो चुके हैं जिन्होंने पैग़म्बर साह़ब की जीवनी लिखी है, जिन्होंने आपके सम्मान में नातिया कलाम कहा है, हमारे सामने गांधीजी की शिक्षाएं हैं जिन्होंने आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के जीवन को आज की मानवता के लिए एक आदर्श बताया है, इसलिए अगर कोई बदज़ुबान व्यक्ति अपनी जुबान की गन्दगी को बेतुकी और बेहूदा बातें करके दिखाता है तो यह नहीं समझना चाहिए कि यह देश के सभी हमवतनी भाइयों की यही सोच है।
बेशक हमें भी इस घटिया भाषा के विरुद्ध क़ानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए और सरकार से इस व्यक्ति को सही मायने में सज़ा देने की मांग करनी चाहिए और साथ ही हमें पैग़म्बर (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का सही परिचय और जीवनी, आपकी नैतिकता, आपकी उच्च शिक्षाएं, आपका मानवतावाद और आपने जीवन जीने का जो सुंदर तरीक़ा दिया उस पद्धति का परिचय प्रस्तुत करना चाहिए।