प्रसिद्ध इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नायक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को भारत सरकार ने पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि आईआरएफ एक अवैध संगठन है और इस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया है.
मंत्रालय ने कहा कि आईआरएफ के संस्थापक ज़ाकिर नायक के भाषण आपत्तिजनक हैं क्योंकि वह आतंकवादियों का गुणगान किया करते हैं. गृह मंत्रालय ने कहा कि ज़ाकिर नायक यह दावा भी करते हैं कि हर मुसलमान को कट्टरपंथी होना चाहिए.
Zakir Naik's IRF banned for 5 years on charges of radicalizing Muslim youth
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— ANI Digital (@ani_digital) March 31, 2022
अधिसूचना में कहा गया है कि जाकिर नायक युवाओं को जबरन मुसलमान बनाने का समर्थन भी करते आए हैं. उन्होंने आत्मघाती हमलों का पक्ष लिया है. हिंदुओं और अन्य धर्मों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं.
गृह मंत्रालय ने आगे कहा कि जाकिर नायक मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं. आईआरएफ और इसके सदस्यों व सहयोगियों की अवैध गतिविधियां गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में देखने को मिली थीं.
केंद्र सरकार का कहना है कि यह संगठन ऐसी गतिविधियों में संलिप्त रहा है जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने, शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इससे पहले नवंबर 2016 में भी जाकिर नायक की आईआरएफ पर 16 नवंबर 2021 तक के लिए केंद्र की ओर से ऐसा ही प्रतिबंध लगाया गया था.
केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में जाकिर नायक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को गैरकानूनी संगठन घोषित करने का फैसला लिया था.