Sambhal Violence Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क को संभल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा से जुड़े मामले में बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 9 सितंबर को होगी.
सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी
बता दें कि संभल की शाही मस्जिद में पिछले साल नवंबर में सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में बीते दिनों SIT ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. पुलिस की चार्जशीट में संभल से सामाजवादी पार्टी के मुस्लिम सांसद जिया उर रहमान बर्क (Zia ur Rahman Barq) को भी आरोपी बनाया गया है. इस चार्जशीट के खिलाफ सपा सांसद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट ने योगी सरकार से मांगा जवाब
सांसद जिया उर रहमान बर्क ने अपनी याचिका में संभल के एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही पूरी कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है. इसपर हाईकोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही राज्य सरकार से तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सांसद जिया उर रहमान की ओर से वरिष्ठ वकील इमरान उल्लाह, विनीत विक्रम और इकबाल अहमद पेश हुए. वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल पेश हुए.
पिछले साल मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी हिंसा
ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद 24 नवंबर, 2024 को एएसआई (ASI) की एक टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची थी. जहां हिंदूवादी संगठनों की भीड़ “जय श्री राम” सहित कई अन्य नारे लगा रही थी. इस दौरान मस्जिद के बाहर मुसलमान भी जमा थे. जहां पुलिस ने मुसलमानों को हटाने के लिए बल का इस्तेमाल किया फिर प्रदर्शन कर रहे मुस्लिमों पर गोलियां भी चलाई. पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में पांच मुसलमानों की मौत हो गई थी.