Palestine Statehood News: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने शुक्रवार, 12 सितंबर को “न्यूयॉर्क घोषणा पत्र” (New York Declaration) को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य इजराइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चल रहे जंग का समाधान “दो-राष्ट्र सिद्धांत” (Two-State Solution) के तहत करना है.
भारत ने फिलिस्तीन के समर्थन में किया वोट
इस घोषणा पत्र के माध्यम से फिलिस्तीन को आजाद देश बनाने के समर्थन में 142 देशों ने वोटिंग की. भारत ने भी फिलिस्तीन के पक्ष में वोट दिया. वहीं, 10 देशों ने इसके खिलाफ वोट किया और 12 देशों ने मतदान से दूरी बना ली. अमेरिका, इजराइल समेत 10 देशों ने न्यूयॉर्क घोषणा पत्र के खिलाफ वोट किया.
#BREAKING
UN General Assembly ADOPTS resolution endorsing the New York Declaration on the Peaceful Settlement of the Question of Palestine and the Implementation of the Two-State SolutionVoting result
In favor: 142
Against: 10
Abstain: 12 pic.twitter.com/38ilC20OYL— UN News (@UN_News_Centre) September 12, 2025
इजराइल ने क्या कहा?
इस वोटिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए इजराइल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हमास- मुक्त फिलिस्तीनी राज्य के पक्ष में किया गया यह “शर्मनाक” मतदान हमास जैसे उग्रवादी समूह को गाजा में युद्ध जारी रखने के लिए बढ़ावा देगा.
फ्रांस और सऊदी की अगुवाई में वोटिंग
वोटिंग के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि फ्रांस और सऊदी अरब के नेतृत्व में 142 देशों ने “न्यूयॉर्क घोषणा पत्र” को अपनाया है, जो इजराइल और फिलिस्तीन के बीच दो- राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. हम सब मिलकर मिडिल ईस्ट में शांति के एक अटूट रास्ते की ओर बढ़ रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि फ्रांस, सऊदी अरब और उनके सभी साझेदार न्यूयॉर्क में इस शांति योजना को हकीकत में बदलने के लिए टू स्टेट सॉल्यूशन कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे.
Today, under the leadership of France and Saudi Arabia, 142 countries have adopted the New York Declaration on the implementation of the Two-State Solution.
Together, we are charting an irreversible path towards peace in the Middle East.… pic.twitter.com/74c5CrMKW1
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) September 12, 2025
इमैनुएल मैक्रों ने ये भी कहा कि एक नया भविष्य संभव है. दो लोग, दो राष्ट्र: इजराइल और फिलिस्तीन, जो शांति और सुरक्षा के साथ एक-दूसरे के साथ रह सकें. अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे साकार करें.
इजराइल की हरकतों से परेशान है पूरी दुनिया
बता दें कि इजराइल पिछले दो सालों से गाजा में जुल्म ढा रहा है. दुनिया भर में विरोध के बावजूद इजराइल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और गाजा पर हमले कर रहा है. इजराइल की मनमानी से परेशान होकर फ्रांस और सऊदी अरब की अगुवाई में 142 देशों ने “न्यूयॉर्क घोषणा पत्र” को अपनाया है और फिलिस्तीन के समर्थन में वोट किया.

