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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मिली फांसी की सजा, जानें किन- किन अपराधों के लिए कोर्ट ने दोषी माना

बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने माना कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं. इस आधार पर उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई.

Sheikh Hasina sentenced to death: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (International Crimes Tribunal) ने आज यानी कि सोमवार, 17 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को फांसी की सजा सुनाई. क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को पिछले साल 2024 जुलाई में हुए प्रदर्शनों से जुड़े मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों में दोषी पाते हुए सजा सुनाई. रिपोर्टों के मुताबिक, शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाने पर कोर्ट में जमकर तालियां बजी. आईए जानते हैं कि ट्रिब्यूनल ने और क्या- क्या कहा..

अदालत ने माना कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं. हसीना के साथ- साथ उनकी सरकार के तत्कालीन गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला अल-मामून को भी दोषी करार दिया गया. हालांकि अब्दुल्ला अल-मामून सरकारी गवाह बन गए थे, इसलिए उन्हें कम सजा मिली.

‘शेख हसीना छात्रों की हत्याओं की मास्टरमाइंड

ट्रिब्यूनल ने इसके साथ ही शेख हसीना को जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं का मास्टरमाइंड बताया. कोर्ट ने कहा कि शेख हसीना ने उकसावे वाला निर्देश देकर मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं. साथ ही वो आरोप संख्या 1 के तहत निवारक और दंडात्मक उपाय करने में भी विफल रहीं.

शेख हसीना ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, फैसले के बाद शेख हसीना ने कहा कि मेरे खिलाफ ये फैसला गलत, पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित है. इसमें मेरा कोई पक्ष नहीं सुना गया. शेख हसीना ने आगे कहा कि ये फैसाल ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है, जिसे एक गैर- निर्वाचित सरकार चला रही है. उनके पास जनता का कोई जनादेश नहीं है.

बता दें कि बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट होने के बाद शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान ने देश छोड़ दिया था. दोनों नेता पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं.

बांग्लादेश सरकार ने भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की

शेख हसीना को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद यूनुस सरकार ने भारत सराकर से आग्रह किया है कि वह शेख हसीना को बांग्लादेश को सौंप दे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच मौजूद प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, भारत का दायित्व है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हमें सौंपे.

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