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Delhi: शिक्षक की बेइज्जती से हतास 16 वर्षीय छात्र ने मेट्रो के सामने कूदकर दी जान… टीचरों पर लगाए गंभीर आरोप

शौर्य ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सॉरी मम्मी, मैंने आपका इतनी बार दिल तोड़ा है, अब लास्ट बार तोड़ूंगा. स्कूल के टीचर ऐसे ही हैं, क्या बोलूं... मेरी आखिरी इच्छा है कि उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए.

Delhi: दिल्ली के एक प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूल के 16 साल के छात्र ने आत्महत्या कर ली. रिपोर्टों के मुताबिक, कथित तौर पर उसके शिक्षकों ने उसे स्टेज पर डांस प्रैक्टिस के दौरान शर्मिंदा किया था. इस बात से परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी.

मेट्रो के सामने कूदकर जान दे दी

दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल (St. Columba School) के स्टूडेंट शौर्य पाटिल (Shourya Patil) ने 18 नवंबर को राजेंद्र प्लेस स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूदकर जान दे दी. शौर्य के पिता प्रदीप पाटिल ने स्कूल टीचरों पर आरोप लगाया कि स्टेज पर डांस प्रैक्टिस के दौरान गिरने के बाद उन्होंने उनके बेटे की सबके सामने बेइज्जती की थी.

NDTV से बात करते हुए कि शौर्य पाटिल के पिता ने कहा कि प्रैक्टिस के दौरान मेरे बेटे का पैर टूट गया था. एक टीचर ने उससे कहा कि जितना रोना है रो लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.

एक साल से ज्यादा समय तक टॉर्चर किया गया, पिता का आरोप

शौर्य पाटिल के पिता प्रदीप पाटिल ने बताया कि उनके बेटे को एक साल से ज्यादा समय तक बार-बार टॉर्चर किया गया. उन्होंने आगे बताया कि जब भी वे स्कूल के अधिकारियों के सामने ये मामला उठाते, तो वे यह कहकर टाल देते कि मेरे बेटे को क्लास के दौरान ध्यान लगाने की जरूरत है. वे कहते थे कि उसके मैथ के ग्रेड खराब हैं और उसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना पसंद नहीं है.

सुसाइड नोट में क्या लिखा?

शौर्य के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपने टीचरों पर लगातार परेशान करने और बेइज्जती करने का इल्जाम लगाया.

‘सॉरी मम्मी…..’

शौर्य ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सॉरी मम्मी, मैंने आपका इतनी बार दिल तोड़ा है, अब लास्ट बार तोड़ूंगा. स्कूल के टीचर ऐसे ही हैं, क्या बोलूं… मेरी आखिरी इच्छा है कि उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए. मैं नहीं चाहता कि कोई और बच्चा ऐसा कदम उठाए.

उसने आगे लिखा कि सॉरी पापा, मैं आपकी तरह अच्छा इंसान नहीं बन पाया. मुझे अफसोस है लेकिन सेंट कोलंबा के टीचरों ने मेरे साथ ऐसा किया है.

आखिर में सुसाइड नोट में रिक्वेस्ट करते हुए लिखा कि अगर उनके अंग काम करने की हालत में हैं, तो उन्हें डोनेट कर दिया जाए. उसे किसी ऐसे व्यक्ति को डोनेट कर दें जिसे सच में इसकी जरूरत है.

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