Maharashtra: महाराष्ट्र में लंबे समय तक चले मराठी- हिंदी भाषा विवाद थोड़ा शांत ही हुआ ही था कि एक छात्र की सुसाइड ने भाषा विवाद को एक बार फिर से बढ़ा दिया है. महाराष्ट्र की लोकल ट्रेन में मराठी की जगह हिंदी बोलने पर 19 साल के कॉलेज स्टूडेंट पर हमला किया गया, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली. मृत स्टूडेंट के पिता ने पुलिस को बताया कि लोकल ट्रेन में मराठी की जगह हिंदी बोलने पर उस पर हमला हुआ, जिसके बाद उसने अपनी जान दे दी.
‘हिंदी बोलने पर चार से पांच लोगों ने किया हमला’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने कन्फर्म किया कि कोलसेवाड़ी पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज की है और पीड़ित के पिता जितेंद्र खैरे का बयान दर्ज किया है. खैरे ने आरोप लगाया है कि भाषा को लेकर हुए झगड़े के दौरान चार से पांच लोगों ने उनके बेटे पर हमला किया.
आत्महत्या करने वाला अर्नव खैरे, मुलुंड के कॉलेज में BSc फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था और कल्याण में अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ रहता था. पुलिस के अनुसार, यह घटना 18 नवंबर को हुई जब वह लोकल ट्रेन से कॉलेज जा रहा था.
हिंदी बोलने पर भड़के पैसेंजर
मीडिया रिपार्टों को मुताबिक, लोकल ट्रेन में बहुत ज्यादा भीड़ होने के कारण अर्नव ने हिंदी में कहा, “धक्का मत दो, तुम मुझ पर बहुत ज्यादा वजन डाल रहे हो.” कथित तौर पर अर्नव के इस बात से वहां बैठे कुछ पैसेंजर भड़क गए. इस घटना की जांच में शामिल एक ऑफिसर ने कहा कि वे मराठी न बोलने पर उस पर चिल्लाए.
रिपोर्टों के मुताबिक, अर्नव ने उनसे कहा कि वह भी मराठी है, लेकिन वे लोग और गुस्सा हो गए और पूछा, “क्या तुम्हें मराठी में बात करने में शर्म आती है?” पिता के बयान के मुताबिक, बहस मारपीट में बदल गई.
पुलिस ने कहा कि अर्नव घर लौटा तो वह बहुत डरा हुआ था और बाद में उसी शाम उसने सुसाइड कर लिया. पुलिस ने उसका फान जब्त कर लिया है ताकि उसमें मैसेज या चैट की जांच की जा सके, जिससे घटनाओं के बारे में पता चल सके.
पुलिस ने क्या कहा?
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अतुल जेंडे ने कहा कि जांच अभी शुरुआती स्टेज में है. उन्होंने कहा कि पिता के बयान का जब तक वेरिफिकेशन पूरा नहीं हो जाता, हम कुछ भी कन्फर्म नहीं कर सकते. अगर यह साबित हो जाता है कि उस पर सच में भाषा के मुद्दे पर हमला हुआ था, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

