Homeदेशप्रशासन ने जम्मू- कश्मीर के पत्रकार अरफाज का घर बुलडोजर से ढहाया.....

प्रशासन ने जम्मू- कश्मीर के पत्रकार अरफाज का घर बुलडोजर से ढहाया.. हिंदू परिवार ने दिया अपना मकान

जम्मू के बठिंडी इलाके में पत्रकार अरफाज का घर स्थित था. जम्मू डेवलपमेंट के अधिकारियों ने सरकारी जमीन पर बने होने का आरोप लगाते हुए अरफाज के घर को ढहा दिया. अरफाज यहां पिछले चार दशकों से रह रहे थे.

Jammu Kashmir News: जम्मू- कश्मीर के रहने वाले पत्रकार अरफाज (Arfaz) के घर को प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद गंभीर सवाल खड़े हो गए है. तीन मरला जमीन पर बना 40 साल पुराना अरफाज का घर प्रशासन की कार्रवाई से कुछ ही पलों में जमीन में मिल गया. वहीं प्रशासन द्वारा घर ढहाए जाने के बाद एक हिंदू परिवार ने मुस्लिम पत्रकार को अपना घर देकर इंसानियत की मिसाल पेश की है.

सरकारी जमीन पर घर होने का आरोप

रिपोर्टों के मुताबिक, जम्मू के बठिंडी इलाके में पत्रकार अरफाज का घर स्थित था. जम्मू डेवलपमेंट के अधिकारियों ने सरकारी जमीन पर बने होने का आरोप लगाते हुए अरफाज के घर को ढहा दिया. अरफाज यहां पिछले चार दशकों से रह रहे थे. प्रशासन द्वारा अचानक से की गई कार्रवाई के बाद अरफाज का परिवार बेघर हो गया. हालांकि एक हिंदू परिवार ने आगे बढ़ते हुए उन्हें रहने के लिए अपना मकान दे दिया.

महबूबा मुफ्ती ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने पत्रकार का घर तोड़े जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. PDP की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये UP या दूसरी जगहों के लाचार मुस्लिम परिवारों के घर नहीं हैं, जहाँ माइनॉरिटीज को टारगेट करना आम बात हो गई है. यह जम्मू और कश्मीर है जहा अरफाज नाम के एक जर्नलिस्ट ने 40 साल पहले 3 मरला जमीन पर एक मामूली सा घर बनाया था, लेकिन कुछ ही सेकंड में उसे मलबे में बदलते देखा.

उन्होंने आगे कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने PDP के एंटी-बुलडोजर बिल को जमीन हड़पने वाला बताकर खारिज कर दिया था. आज उस फैसले के बुरे नतीजे सबके सामने हैं.

इल्तिजा मुफ्ती ने सरकार पर साधा निशाना

वहीं PDP की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह चुनी हुई बेहद कमजोर सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ रखकर देख रही है, जबकि कश्मीरी हर तरह के अत्याचार झेल रहे हैं. इस अन्याय पर उनकी खामोशी और मिलीभगत जम्मू-कश्मीर के इतिहास के सबसे काले अध्यायों में गिनी जाएगी. अगर जिम्मेदारी नहीं निभा सकते, तो कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.

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