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कौन थी बांग्लादेश की पहली महिला PM खालिदा जिया..? पति की हत्या के बाद पॉलिटिक्स में आईं, कैसा रहा सियासी सफर?

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने खालिदा जिया की निधन की पुष्टि की. पार्टी ने कहा कि BNP चेयरपर्सन और पूर्व प्रधानमंत्री, बेगम खालिदा जिया का आज सुबह 6:00 बजे, फज्र की नमाज के कुछ देर बाद निधन हो गया.

Who was Khaleda Zia: बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष खालिदा जिया (Khaleda Zia) का आज यानी कि मंगलवार, 30 दिसंबर की सुबह को निधन हो गया. वो लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थी, और पिछले कुछ समय से वेंटिलेटर पर थीं. बेगम खालिदा ने 80 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. आईए उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर डालते हैं. इसके साथ ही खालिदा जिया के निधन पर पीएम मोदी से लेकर पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने क्या कहा..

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया पिछले कई सालों से सीने में इन्फेक्शन, किडनी, लिवर, डायबिटीज सहित अन्य कई बीमारियों से जूझ रहीं थी. खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने उनके निधन की पुष्टि की.

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने खालिदा जिया की निधन की पुष्टि की. पार्टी ने कहा कि BNP चेयरपर्सन और पूर्व प्रधानमंत्री, बेगम खालिदा जिया का आज सुबह 6:00 बजे, फज्र की नमाज के कुछ देर बाद निधन हो गया. BNP ने कहा कि हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और सभी से उनकी दिवंगत आत्मा के लिए दुआ करने का अनुरोध करते हैं.

आम चुनाव के लिए किया था नामांकन

बता दें कि बांग्लादेश में अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए बीते कल यानी कि 29 दिसंबर को बोगरा-7 सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था. और अगले ही दिन वो इस दुनिया को अलविदा कह गई.

मोहम्मद यूनुस ने खालिदा जिया के निधन पर क्या कहा?

बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने खालिदा जिया के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि बेगम खालिदा जिया के निधन से देश ने एक महान संरक्षक खो दिया है. यूनुस ने कहा कि बेगम खालिदा जिया सिर्फ एक राजनीतिक दल की नेता नहीं थीं, उन्होंने बांग्लादेश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का प्रतिनिधित्व किया है. बांग्लादेश में लोकतंत्र, बहुदलीय राजनीतिक संस्कृति और लोगों के अधिकारों की स्थापना के संघर्ष में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा.

पीएम मोदी ने जताया दुख

पीएम मोदी ने बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और BNP की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ है. उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति दे. बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में देश के विकास और भारतबांग्लादेश संबंधों को आगे बढ़ाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान हमेशा याद रखा जाएगा.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी आत्मीय मुलाकात याद है. हमें उम्मीद है कि उनके विचार और विरासत भविष्य में भी हमारी साझेदारी को दिशा देती रहेंगी.

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने क्या कहा?

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने ट्वीट करते हुए कहा कि BNP की चेयरपर्सन और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन से बहुत दुख हुआ. बांग्लादेश और उसके विकास के लिए उनकी जिंदगी भर की सेवा एक स्थायी विरासत छोड़ गई है. बेगम जिया पाकिस्तान की एक सच्ची दोस्त थीं. मेरी सरकार और पाकिस्तान के लोग दुख की इस घड़ी में बांग्लादेश के लोगों के साथ हैं.

शेख हसीना ने कहा बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा खालीपन आ गया

वहीं बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है. हसीना ने कहा कि खालिदा जिया के जाने से बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा खालीपन आ गया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में खालिदा जिया ने देश के लिए अहम योगदान दिया था.

भारत में हुआ था खालिदा का जन्म

बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री रही खालिदा जिया का जन्म भारत के जलपाईगुड़ी में 1945 में हुआ था. साल 1947 में बंटवारे के बाद उनका परिवार पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के दिनाजपुर चला गया. खालिदा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिनाजपुर से की.

15 साल की उम्र में हुई शादी

15 साल की उम्र में खालिदा की शादी जियाउर रहमान से हुई, जो उस समय एक युवा सेना अधिकारी थे. बाद में वो बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के एक अहम नेता और देश के राष्ट्रपति भी बने. 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान जियाउर रहमान ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विद्रोह किया और बांग्लादेश की आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

पति की हत्या के बाद राजनीति में एंट्री

साल 1981 में पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद खालिदा ने राजनीति में कदम रखा और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की बागडोर संभाली. साल 1984 में उन्हें पार्टी का वाइस-चेयरपर्सन चुना गया और उसी साल बाद में वह चेयरपर्सन बन गईं.

खालिदा जिया ने इसके बाद बांग्लादेश में लगभग नौ सालों के मिलिट्री शासन के दौरान लोकतंत्र के लिए अभियान चलाए. साल 1991 में मिलिट्री शासन खत्म होने के बाद, BNP ने संसदीय चुनाव जीते, और खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.

तीन बार संभाला देश

खालिदा जिया साल 1991 से लेकर 1996 तक प्रधानमंत्री रही. इस दौरान उन्होंने कई बड़े आर्थिक सुधार किए, स्थानीय सरकार का पुनर्गठन किया और संसदीय शासन बहाल किया. खालिदा जिया ने 19 फरवरी, 1996 से 30 मार्च, 1996 तक दूसरा कार्यकाल संभाला. हाालंकि इसे “कार्यवाहक सरकार” का दौर कहा जाता है. साल 2001 में खालिदा जिया तीसरी बार प्रधानमंत्री बनीं और साल 2006 तक कार्यकाल संभाला.

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