यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia’s attack on Ukraine) के बीच जहां हजारों लोग यूक्रेन छोड़ रहे हैं. वहीं, कुछ यूक्रेनी पुरुष और महिलाएं अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए पूरे यूरोप से स्वदेश लौट रहे हैं.
दक्षिणपूर्वी पोलैंड के मेदिका सीमा चौकी पर ऐसे कई नागरिक रविवार तड़के यूक्रेन में प्रवेश करने के लिए कतार में खड़े दिखे. यूक्रेन में प्रवेश करने के लिए चौकी पर खड़े यूक्रेन के करीब 20 ट्रक चालक के एक समूह के आगे खड़े एक व्यक्ति ने कहा कि हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी है. अगर हम नहीं करेंगे तो और कौन करेगा. ये सभी यूरोप से यूक्रेन लौटे थे.
समूह में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘रूसियों को डरना चाहिए. हमें डर नहीं है.’ समूह के सदस्यों ने अपनी एवं परिवार की सुरक्षा के चलते अपना नाम बताने से इनकार कर दिया. 30 साल की एक महिला ने अपने उपनाम के बिना अपना नाम लीजा बताया. उसने जांच चौकी में प्रवेश करने से पहले से बात की. महिला ने कहा, ‘मुझे डर है, लेकिन मैं एक मां हूं और अपने बच्चों के साथ रहना चाहती हूं. आप क्या कर सकते हैं? यह खतरे से भरा है, लेकिन मुझे करना होगा.’
एक अन्य युवती ने कहा कि वह भी अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए लौट रही है, ताकि यूक्रेन के पुरुष देश की रक्षा के लिए जा सकें. उसने कहा, ‘हमें करना होगा, हम यूक्रेन के लोगों को अपने बच्चों को दूर ले जाना होगा, ताकि पुरुष लड़ सकें.’
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, UNHCR ने कहा कि रूसी आक्रमण के मद्देनजर कम से कम 365000 लोग यूक्रेन से पोलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में भाग गए हैं. इसने यूक्रेन जाने वालों के आंकड़े नहीं दिए.
बता दें कि यूक्रेन ने रूस को पिछले चार दिनों से कीव के बाहर रोक कर रखा है. इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि अगले 24 घंटे यूक्रेन के लिए सबसे कठिन होने वाले हैं. वहीं जी 7 नेताओं ने यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की. उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ लड़ाई में सभी देश यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे. इधर, रूसी हमलों में यूक्रेन के 352 आम नागरिकों की मौत हुई है. इसमें 14 बच्चे भी शामिल हैं.
वहीं, बेलारूस रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए वार्ता (Russia Ukraine negotiations) की मेजबानी कर रहा है. यह वार्ता यूक्रेन और बेलारूस की सीमा पर हो रही है. दोनों देशों का प्रतिनिधिमंडल वार्ता में मौजूद है. लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वार्ता से कोई सफलता मिलेगी या नहीं.
(ईटीवी भारत से इनपुट के साथ)