रूस और यूक्रेन युद्ध का आज 13वां दिन है. जानकारी सामने आई है कि यूक्रेन ने खारकीव में रूसी मेजर जनरल विटाली गेरासिमोव को मार डाला है. दो बार की बैठक बेनतीजा रहने के बाद सोमवार को दोनों देशों के बीच फिर से तीसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन नतीजा फिर शून्य रहा. हालांकि, तीसरे दौर की वार्ता में मानवीय गलियारा बनाने के संबंध में प्रगति हुई है. बता दें कि, रूस ने नागरिकों को निकालने के लिए सोमवार सुबह से संघर्ष-विराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है. हालांकि निकासी मार्ग ज्यादातर रूस और उसके सहयोगी देश बेलारूस की ओर जा रहे हैं.
यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि क्या नागरिकों को निकाला जा रहा है. गलियारों की नई घोषणा के बाद भी रूसी सेना ने कुछ यूक्रेनी शहरों पर रॉकेट हमला जारी रखा और कुछ क्षेत्रों में भयंकर लड़ाई जारी रही. उत्तर, दक्षिण और मध्य यूक्रेन के शहरों में रूस की लगातार जारी गोलीबारी के बीच हजारों यूक्रेनी नागरिक वहां से सुरक्षित निकलने की कोशिश में जुटे हैं. रूसी रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि यह संघर्ष-विराम राजधानी कीव, दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और सूमी से नागरिकों की निकासी के लिए घोषित किया गया है.
वहीं, रूस और यूक्रेन के बीच सोमवार को तीसरे दौर की वार्ता हुई. वार्ता संपन्न होने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के एक सलाहकार ने कहा कि सुरक्षित गलियारा बनाने के संबंध में मामूली प्रगति हुई है. हालांकि, उन्होंने बैठक का अधिक विवरण साझा नहीं किया. इस बीच युद्ध में मरने वालों की संख्या स्पष्ट नहीं है. खारकीव क्षेत्र की पुलिस ने सोमवार को कहा कि अकेले वहां 209 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 133 नागरिक हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि अब तक 17 लाख से अधिक लोग युद्धग्रस्त यूक्रेन को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले चुके हैं. कई अन्य लोग शहरों में गोलाबारी की चपेट में फंसे हुए हैं. मारियुपोल में खाद्य पदार्थ, पानी और दवाओं की कमी हो गई है. यूक्रेनी अधिकारियों ने कीव के उपनगरों में विनाशकारी मंजर के बीच नागरिकों को निकालने की कोशिशें नाकाम होने की जानकारी दी है. इस बीच, दोनों पक्षों के अधिकारियों ने सोमवार को तीसरे दौर की वार्ता करने की भी योजना बनाई है.
संघर्ष विराम के नये प्रस्ताव में, ज्यादातर निकासी मार्ग रूस या उसके सहयोगी बेलारूस की ओर हैं. यूक्रेनी उप प्रधानमंत्री इरिना वीरेशचुक ने इस कदम को अस्वीकार्य बताया है. इसके बजाय यूक्रेनी सरकार ने आठ मार्गों का प्रस्ताव रखा जो नागरिकों को यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में जाने की अनुमति देगा जहां रूस की ओर से कोई गोलाबारी नहीं हो रही है.
एक रूसी कार्यबल ने बताया कि लोगों को निकालने के लिए मानवीय गलियारों की घोषणा फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) के अनुरोध पर की गई है, जिन्होंने रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( russian president vladimir putin) से बात की थी. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि संघर्ष-विराम कब तक लागू रहेगा और इसके तहत कार्यबल के बयान में उल्लिखित क्षेत्रों से आगे के इलाकों में भी लड़ाई रुकेगी या नहीं.
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध पर पोप फ्रांसिस ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी. दरअसल उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फिलहाल खून और आंसुओं की नदियां बह रही है. उन्होंने कहा है कि यह सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं है, बल्कि ये एक युद्ध है जो मौत, तबाही और गरीबी को लेकर आ रहा है.
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने महायुद्ध को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की. प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतयों की सुरक्षा को लेकर अपनी ‘गहरी चिंता’ से रूसी राष्ट्रपति को अवगत कराया.
(ईटीवी भारत से इनपुट के साथ)