بے خطر کود پڑا آتشِ نمرود میں عشق!
عقل ہے محوِ تماشائے لبِ بام ابھی
बे ख़तर कूद पड़ा आतिशे नमरूद में इश्क़!
अक़्ल है महवे तमाशाये लबे बाम अभी
be khatar kud padaa aatish-e-namrood mein ishq
aqal hai mahv-e-tamashaye lab-e-baam abhi
الفاظ و معنی:۔
آتش:...
मुहम्मद (सल्ल.) की ख़दीजा (रज़ि.) के साथ शादी
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
बीस-बाईस वर्ष के हो जाने तक आप (सल्ल.) कई व्यापारिक यात्राएँ कर चुके थे। कारोबार का आप (सल्ल.) को अनुभव हो गया था। उन्हीं दिनों मक्का...
یقیں محکم، عمل پیہم، محبت فاتح عالم
جہادِزندگانی میں یہ ہیں مردوں کی شمشیریں
यक़ीन मुहकम, अमल पैहम, मुहब्बत फातेह आलम
जेहादे ज़िंदगानी में यह हैं मर्दों की शमशीरें
yaqeen muhkam, amal paihum, muhabbat fatehe aalam
jihad-e-zindgani mein yeh hain mardon ki shamshirein
الفاظ و...
अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की यात्रा
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम। नबी (सल्ल.) 8 वर्ष की आयु में अपने चाचा अबू तालिब के साथ व्यापारिक क़ाफ़िले में शामिल होकर सीरिया...
سبق پھر پڑھ صداقت کا، عدالت کا، شجاعت کا
لیا جائے گا تجھ سے کام دنیا کی امامت کا
सबक़ फिर पढ़ सदाक़त का, अदालत का, शुजाअत का
लिया जाएगा तुझ से काम दुनिया की इमामत का
sabaq phir padh sadaqat ka, adaalat...
इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का बचपन
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
माँ और दादा के मरने के बाद आप (सल्ल.) के चचा अबू तालिब ने आपको लगभग आठ वर्ष की आयु...
अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) की माँ और दादा की मौत
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबका स्वागत है।
नबी (सल्ल.) के जीवन का एक और पहलू आपके सामने प्रस्तुत किया जा रहा है। जैसा कि आप...
ہزاروں سال نرگِس اپنی بے نوری پہ روتی ہے
بڑی مشکل سے ہوتا ہے چمن میں دیٖدہ وَر پیدا
हज़ारों साल नरगिस अपनी बे नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा वर पैदा
hazaaron saal nargis apni be...
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.): माँ आमिना की गोद से दाई हलीमा की गोद तक
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
आज की छोटी-सी तक़रीर का शीर्षक है—‘हज़रत मुहम्मद (सल्ल.): माँ आमिना की गोद से दाई हलीमा...
مسلماں کو مسلماں کر دیا طوفانِ مغرب نے
تلاطُم ہائے دریا ہی سے ہے گَوہر کی سیرابی
मुसल्मा को मुसल्मा कर दीया तूफान मग़रिब ने
तलातुम हाये दरिया ही से है गौहर की सैराबी
musalman ko musalman kar diya tufaan-e-maghrib ne
talatum haye dariya...