अल्लाह के रसूल (सल्ल.) की असीम दयालुता-I
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
नवी करीम (सल्ल.) सारे संसार के लिए रहमत और दयालुता बनाकर भेजे गए थे। जैसा कि अल्लाह ने क़ुरआन में कहा है—
وَمَآ أَرْسَلْنٰكَ إِلَّا رَحْمَةً لِّلْعٰلَمِينَ
“हमने...
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) का नर्म स्वभाव
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
नबी करीम (सल्ल.) की एक बहुत बड़ी विशेषता यह थी कि आप अत्यंत नर्म स्वभाव और सभ्य थे। अल्लाह तआला क़ुरआन...
وہ ایک سَجدہ جسے تو گراں سمجھتا ہے!
ہزار سجدوں سے دیتا ہے آدمی کو نَجات
वह एक सजदा जिसे तू गेरां समझता है!
हज़ार सजदों से देता है आदमी को निजात
Woh ek sajda jise tu giraan samjhata hai!
hazaar sajdon se deta...
मदीना में सख़्त मुश्किलों का सामना
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
नबी (सल्ल.) ने मदीना मुनव्वरा में दस साल गुज़ारे। शुरू के दिन बहुत ही तकलीफ़ और मुसीबत में गुज़रे। वहाँ पर संसाधन नहीं थे। वहाँ जो लोग...
مُلّا کو جو ہے ہند میں سجدے کی اِجازت
ناداں یہ سمجھتا ہے کہ ِاسلام ہے آزاد!
मुल्ला को जो है हिंद में सजदे की इजाज़त
नादाँ यह समझता है कि इस्लाम है आज़ाद!
Mulla ko hai hind mein sajade ki ijaazat
nadaan yeh...
नबी (सल्ल.) द्वारा स्थापित इस्लामी राज्य
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, नबी (सल्ल.) के मदीना में रहने का जो ज़माना था, उसका अध्ययन चल रहा है। अल्लाह तआला ने क़ुरआन मजीद में एक जगह नहीं, तीन जगह यह...
خِرَد نے کہہ بھی دیا لاَاِلٰہ تو کیا حاصل
دِل و نگاہ مسلماں نہیں تو کچھ بھی نہیں
ख़िरद ने कह भी दिया ला इलाह तो क्या हासिल
दिल व निगाह मुस्लमान नहीं तो कुछ भी नहीं
Khirad ne kah bhi diya La-Ilah...
Sahaba’s Selflessness || Maulana Ejaz Ahmed Aslam || SADAA Times
सहाबियों में परस्पर त्याग की भावना
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप पर सलामती हो, और अल्लाह की रहमतें और बरकतें उतरें।
नबी (सल्ल.) तेरह साल तक मक्का में मुसीबतों...
قوم کیا چیز ہے، قوموں کی امامت کیا ہے
اس کو کیا سمجھیں یہ بیچارے دو رکعت کے امام
क़ौम क्या चीज़ है, क़ौमों की इमामत क्या है
इस को क्या समझें यह बेचारे दो रेकात के इमाम
Qaum kya cheez hai, qaumon...
अज़ान की व्यवस्था
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
नबी करीम (सल्ल.) मदीना चले गए। इस्लामी समाज का आरंभ हुआ और इस्लामी समाज के नियम एवं सिद्धांत निर्धारित किए जाने लगे। नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ी जाने लगी। पहले अज़ान की...