नई दिल्ली: कानपुर पुलिस ने मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी के खिलाफ ट्विटर पर भड़काऊ और फर्जी वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगते हुए केस दर्ज किय है. एफआईआर दर्ज होने की बाद पत्रकार और राजनीतिक दलों द्वारा इसकी कड़ी निंदा की जा रही है और केस वापस लेने की मांग की जा रही है.
वहीं अब इस मामले को लेकर हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी शम्स तबरेज कासमी पर केस दर्ज करने पर निंदा की है और इसे बेबुनियाद बताया है.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि पत्रकार शम्स तबरेज कासमी पर FIR निंदनीय और बेबुनियाद है. उत्तर प्रदेश पुलिस को चाहिए कि वो पहले उन हिंदुत्ववादी गुंडों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करें जिन्होंने कानपुर में पत्थरबाज़ी की थी.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कानपुर हिंसा की वीडियो ट्वीट कर कहा कि उन पुलिस वालों के ख़िलाफ़ FIR नहीं हुई जो चुप-चाप तमाशा देख रहे थे और बर्बरता से पेश आ रहे थे. एक तरफा कार्रवाई क्यों हो रही है? पत्रकारों पर FIR करके उन्हें चुप करवाने की कोशिश की जा रही है.
उन पुलिस वालों के ख़िलाफ़ FIR नहीं हुई जो चुप-चाप तमाशा देख रहे थे और बर्बरता से पेश आ रहे थे। एक तरफा कार्रवाई क्यों हो रही है? पत्रकारों पर FIR करके उन्हें चुप करवाने की कोशिश की जा रही है। 2/2pic.twitter.com/aCJZSlhYLx
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 7, 2022
बता दें कि कानपुर पुलिस ने मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी के खिलाफ धारा 505, 507 और आईटी अधिनियम 66 के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
कानपुर हिंसा मामला में ट्विटर पर भड़काऊ और फर्जी वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगते हुए केस दर्ज किय गया है.
मैं ईमानदारी से अपना काम करता रहूंगा, पुलिस का आरोप बेबुनियाद और झूठ पर मबनी है
— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) June 6, 2022
वहीं केस दर्ज होने के बाद मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिर ने ट्वीट करके लिखा है कि यूपी पुलिस ने कानपुर हिंसा की वीडियो शेयर करने पर मेरे खिलाफ FIR दर्ज किया है. गोदी मीडिया की वन साइडेड रिपोर्ट के खिलाफ़ एक वीडियो पोस्ट करके मैं ने बताया था कि यह लोग भी पत्थर फेंक रहे हैं जिस को क्यों नहीं दिखाया जा रहा है. पुलिस मुझे डराने की कोशिश कर रही है लेकिन मैं ईमानदारी से अपना काम करता रहूंगा, पुलिस का आरोप बेबुनियाद और झूठा है.