पॉइंट ऑफ़ व्यू
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) की मदीना को हिजरत
अल्लाह के रसूल (सल्ल.) की मदीना को हिजरतबिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको,आज आपके सामने हिजरते-मदीना की घटना प्रस्तुत की जाएगी। मक्का वालों ने इस्लाम के लिए अपने दरवाज़े बन्द कर दिए थे। मक्का के बड़े-बड़े सरदारों और...
डॉ. अल्लामा इकबाल
अगर जवाँ हों मेरी क़ौम के जसूर व गयूर || Dr Allama Iqbal
اگر جواں ہوں مری قوم کے جسُور و غَیٗور
قلندری مری کچھ کم سکنْدری سے نہیں
अगर जवाँ हों मेरी क़ौम के जसूर व गयूर
क़लन्दरी मेरी कुछ कम सिकन्दरी से नहींAgr jawaan ho meri qaum ke jsoor w ghayoor
qalandri meri...
डॉ. अल्लामा इकबाल
“क़ुम बे-इज़-निल-लाह” कह सकते थे जो रुखसत हुए
’’قُم بِاِذنِ اللہ‘‘ کہہ سکتے تھے جو رخصت ہو ئے
خانقاہوں میں مُجاور رہ گئے یا گورکَن
"क़ुम बे-इज़-निल-लाह" कह सकते थे जो रुखसत हुए
ख़ानक़ाहों में मुजावर रह गए या गोरकन“Qum be-iznil-laah” kah sakte the jo rukhsat huye
khanqaahon mein mujawar rah...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
बैअते-अक़बा प्रथम एवं द्वितीय
बैअते-अक़बा प्रथम एवं द्वितीयप्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम। मेराज में नबी (सल्ल.) को यह शुभ-सूचना मिल चुकी थी कि अब तुम्हें हिजरत करनी है, यानी मक्का छोड़ देना है। ताइफ़ मक्का से बहुत क़रीब था। लेकिन...
डॉ. अल्लामा इकबाल
अल्फ़ाज़ व माने में तफावत नहीं लेकिन || Dr Allama Iqbal
الفاظ و معانی میں تفاوت نہیں لیکن
مُلّا کی اذان اور، مجاہد کی اذاں اور
अल्फ़ाज़ व माने में तफावत नहीं लेकिन
मुल्ला की अज़ान और मुजाहिद की अज़ान औरAlfaaz w maane mein tafawut nahi lekin
mulla ki azaan aur mujahid ki...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
मेराज का सफ़र-2
मेराज का सफ़र-2प्रिय दर्शको,पिछले एपिसोड में आपने मेराज के सफ़र के बारे में कुछ बुनियादी बातें सुनी थीं, आज उसी का शेष भाग आपकी सेवा में प्रस्तुत किया जा रहा है।मेराज का वाकिया, मुस्लिम समुदाय के उत्थान के समय...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
मेराज का सफ़र-1
मेराज का सफ़र-1बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)प्रिय दर्शको,आज आप ‘मेराज का सफ़र’ के विषय पर मेरी कुछ बातें सुनेंगे। अल्लाह तआला की यह रीति है कि वह अपने पैग़म्बरों की मदद करता है और उन्हें और अपने दूसरे...
डॉ. अल्लामा इकबाल
नहीं तेरा नशेमन क़स्रे सुल्तानी के गुंबद पर! || Dr Allama Iqbal
نہیں تیرا نشیمن قصرِ سلطانی کے گنبد پر!
تو شاہیں ہے بسیرا کر پہاڑوں کی چٹانوںمیں
नहीं तेरा नशेमन क़स्रे सुल्तानी के गुंबद पर!
तू शाहीन है बसेरा कर पहाड़ों की चट्टानों मेंNahi tera nasheman qasr-e-sultani ke gunbad per!
tu shaheen hai basera...
पॉइंट ऑफ़ व्यू
नबी (सल्ल.) मुतइम-बिन-अदी की पनाह में
नबी (सल्ल.) मुतइम-बिन-अदी की पनाह मेंप्रिय दर्शको, ताइफ़ में नबी (सल्ल.) को जिस अपमान और उपेक्षा को सहन करना पड़ा उसके बाद मक्का में आप (सल्ल.) की पोज़िशन काफ़ी ख़राब हो गई। मक्का के सरदार और धनाढ़्य लोग इसपर...
डॉ. अल्लामा इकबाल
उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानो में || Dr Allama Iqbal
عقابی روح جب بیدار ہوتی ہے جوانوں میں
نظر آتی ہے اس کو اپنی منزل آسمانوں میں
उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानो में
नज़र आती है उस को अपनी मंज़िल आसमानों मेंUqaabi rooh jab bedaar hoti hai jawaano mein
nazar aati...
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जमाअत के महिला विंग द्वारा ‘सीमाओं से परे देखभाल: एक बेहतर समाज की ओर’ विषय पर वेबिनार का आयोजन
नई दिल्ली, 18 नवंबर 2025: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय महिला विंग ने “सीमाओं से परे देखभाल: एक बेहतर समाज...
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