पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) का आह्वान ‘सफ़ा’ पर्वत से
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। नबी करीम (सल्ल.) को लोगों को इस्लाम की ओर बुलाते-बुलाते तीन वर्ष बीत चुके थे, लेकिन आप (सल्ल.) का सन्देश अभी तक...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) का क़रीबी रिश्तेदारों को इस्लाम की ओर बुलाना
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आप यह बात सुन चुके हैं कि नबी (सल्ल.) को पैग़म्बरी जैसी महान ज़िम्मेदारी सौंपी गई। आप (सल्ल.) के नबी बनाए जाने के...
पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का उत्साह-वर्धन
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) को जो पैग़म्बर बनाया गया, उसके आरंभिक काल की यह घटना है। नबी (सल्ल.) को यह चिंता थी कि अल्लाह की ओर से वह्य (प्रकाशना)...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) की मूल शिक्षा
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
सलाम और रहमत।
नबी करीम (सल्ल.) को सारे इंसानों के मार्गदर्शन यानी पैग़म्बरी के पद पर आसीन कर दिया। पैग़म्बरी मिलने के बाद भी आप (सल्ल.) कभी-कभी हिरा की...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) की वरक़ा से मुलाक़ात
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है “पैग़म्बर मुहम्मद वरक़ा से मुलाक़ात”।
हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) इस बात पर ख़ुश तो थीं कि अल्लाह तआला उनके पति को दुनिया की...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) – सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ईशदूत
प्रिय दर्शको,
आज की इस बैठक में मुहम्मद (सल्ल.) के उन पलों की चर्चा की जाएगी जब आपको नबी बना दिया गया था। यह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी। पूरी मानवजाति में किसी...
अन्तिम रसूल (सल्ल.) पर पहली ‘वह्य’
प्रिय दर्शको,
आपपर सलामती और अल्लाह की रहमत हो। आजकी प्रस्तुति का शीर्षक है ‘अन्तिम नबी पर पहली वह्य’। हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) उस समय तक चालीस वर्ष के हो चुके थे। चिंतन-मनन का सिलसिला जारी...
ज़ैद: अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के संरक्षण में
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है, ‘ज़ैद-बिन-हारिसा (रज़ि.) : अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के संरक्षण में’। आप जानते हैं कि उस ज़माने में ग़ुलामी रिवाज था।...
काबा का नवनिर्माण
प्रिय दर्शको,
आज कुछ मिनट में आपके सामने ख़ाना-ए-काबा के नवनिर्माण के बारे में कुछ बातें पेश की जाएँगी। अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) अत्यंत सफल जीवन बिता रहे थे। उस समय आप (सल्ल.) की आयु 34-35...
हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) का उच्च स्थान
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आज हम आपको हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) के बारे में कुछ बातें बताएँगे। हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) चालीस वर्ष की आयु में मुहम्मद (सल्ल.) के निकाह में आईं और लगभग...