डॉ. अल्लामा इकबाल

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00:01:25

अल्फ़ाज़ व माने में तफावत नहीं लेकिन || Dr Allama Iqbal

الفاظ و معانی میں تفاوت نہیں لیکن مُلّا کی اذان اور، مجاہد کی اذاں اور अल्फ़ाज़ व माने में तफावत नहीं लेकिन मुल्ला की अज़ान और मुजाहिद की अज़ान और Alfaaz w maane mein tafawut nahi lekin mulla ki azaan aur mujahid ki...
00:01:25

नहीं तेरा नशेमन क़स्रे सुल्तानी के गुंबद पर! || Dr Allama Iqbal

نہیں تیرا نشیمن قصرِ سلطانی کے گنبد پر! تو شاہیں ہے بسیرا کر پہاڑوں کی چٹانوںمیں नहीं तेरा नशेमन क़स्रे सुल्तानी के गुंबद पर! तू शाहीन है बसेरा कर पहाड़ों की चट्टानों में Nahi tera nasheman qasr-e-sultani ke gunbad per! tu shaheen hai basera...
00:01:13

उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानो में || Dr Allama Iqbal

عقابی روح جب بیدار ہوتی ہے جوانوں میں نظر آتی ہے اس کو اپنی منزل آسمانوں میں उक़ाबी रूह जब बेदार होती है जवानो में नज़र आती है उस को अपनी मंज़िल आसमानों में Uqaabi rooh jab bedaar hoti hai jawaano mein nazar aati...
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हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी || Dr Allama Iqbal

حیا نہیں ہے زمانے کی آنکھ میں باقی خدا کرے کہ جوانی تری رہے بے داغ हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी खुदा करे की जवानी तेरी रहे बे-दाग़ Hayaa nahi hai zamaane ki aankh mein baaqi khuda kare ki jawaani...
00:01:30

यह इल्म, यह हिक्मत, यह तदब्बुर, यह हुकूमत! || Dr Allama Iqbal

یہ علم، یہ حکمت، یہ تدبّر، یہ حکومت! پیتے ہیں لہُو، دیتے ہیں تعلیم مساوات यह इल्म, यह हिक्मत, यह तदब्बुर, यह हुकूमत! पीते हैं लहू, देते हैं तालीमे मसावात Yeh ilm, yeh hikmat, yeh tadabbur, yeh hukoomat! pete hain lahu, dete hain...
00:01:30

ज़ाहिर में तिजारत है, हकीकत में जुवा है || Dr Allama Iqbal

ظاہر میں تجارت ہے، حقیقت میں جُوا ہے سود ایک کا لاکھوں کے لیے مرگِ مفاجات ज़ाहिर में तिजारत है, हकीकत में जुवा है सूद एक का लाखों के लिए मर्गे मुफाजात Zaahir mein tijaarat hai, haqeeqat mein juwa hai sood ek ka...
00:01:24

नक़श हैं सब नातमाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर || Dr Allama Iqbal

نقش ہیں سب ناتمام، خونِ جگر کے بغیر نغمہ ہے َسودائے خام، خونِ جگر کے بغیر नक़श हैं सब नातमाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर नग़मा है सौदाए खाम, ख़ूने जिगर के बग़ैर Naqsh hain sab naa-tamaam, khoon-e-jigar ke baghair naghma hai saudaaye khaam, khoon-e-jigar...
00:01:22

सूरते शमशीर है दस्ते क़ज़ा में वह क़ौम || Dr Allama Iqbal

صورتِ شمشیٖر ہے دستِ قضا میں وہ قوم کرتی ہے جوہر زماں اپنے عمل کا حساب सूरते शमशीर है दस्ते क़ज़ा में वह क़ौम करती है जो हर ज़मान अपने अमल का हिसाब Soorat-e-shamsheer hai dast-e-qaza mein wo qaum karti hai jo har zaman...
00:01:22

जिसमें न हो इंक़लाब, मौत है वह ज़िन्दगी || Dr Allama Iqbal

جس میں نہ ہو انقلاب، موت ہے وہ زندگی روحِ اُمَم کی حیات کشمکش انقلاب जिसमें न हो इंक़लाब, मौत है वह ज़िन्दगी रुहे-उमम की हयात कश-म-कश इंक़लाब Jismein na ho inqalaab, maut hai woh zindagi roh-e-umam ki hayaat kash-ma-kash inqalaab الفاظ و معنی:۔ انقلاب: تغیر،...
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मीरी में, फ़क़ीरी में, शाही में, ग़ुलामी में || Dr Allama Iqbal

میٖری میں، فقیری میں، شاہی میں، غلامی میں کچھ کام نہیں  بنتا   بے جُرأتِ رِندانہ मीरी में, फ़क़ीरी में, शाही में, ग़ुलामी में कुछ काम नहीं बनता, बे जुरते रिंदाना Meri mein, faqeeri mein, shahi mein, ghulami mein kuch kaam nahin banta be-jurat-e-rindana الفاظ و...

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संजौली मस्जिद का दूसरा, तीसरा और चौथा फ्लोर तोड़ने का काम रोक दिया गया, जानें कारण

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मौजूद संजौली मस्जिद मामले में आज आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई. इससे...
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