अबू-जहल की शरारतें
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है, ‘अबू-जहल की शरारतें’।
अबू-जहल आप (सल्ल.) का रिश्ते का चचा था (जबकि अबू-लहब आपका सगा चचा था), वह एक धनी व्यापारी था और क़ुरैश का...
بتوں سے تجھ کو امیدیں، خدا سے نومیدی
مجھے بتا تو سہی اور کافری کیا ہے
बुतों से तुझको उम्मीदें, खुदा से नउम्मेदी
मुझे बता तो सही और काफिरी क्या है
Buton se tujhko ummeedain, Khuda se nomidi
mujhe bata to sahi aur...
पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का तीव्र विरोध
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा प्यार भरा सलाम।
दीन (धर्म) का रास्ता आसान नहीं है। जब भी लोगों ने अल्लाह के दीन को अपनाया तो उन्हें विभिन्न कठिनाइयों का...
جلالِ پادشاہی ہو کہ جمہوری تماشا ہو!
جدا ہو دیں سیاست سے، تو رہ جاتی ہے چنگیزی
जलाले पादशाही हो कि जम्हूरी तमाशा हो!
जुदा हो दीन सियासत से, तो रह जाती है चंगेज़ी
Jalaal-e-padshahi ho ki jamhori tamasha ho!
juda ho deen seyasat...
The Prophet’s Courage and Determination || Maulana Ejaz Ahmed Aslam || SADAA Times
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) का साहस और दृढ़ संकल्प
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको, आप सबको मेरा सलाम।
आज आपके सामने नबी (सल्ल.) से पहले के दौर के...
کافر ہے تو شمشیٖر پہ کرتا ہے بھروسا
مومن ہے تو بے تیغ بھی لڑتا ہے سپاہی
काफिर है तो शमशीर पे करता है भरोसा
मोमिन है तो बेतेग लड़ता है सिपाही
Kaafir hai to shamsheer pe karta hai bharosa
momin hai to be-tegh...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) का आह्वान ‘सफ़ा’ पर्वत से
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। नबी करीम (सल्ल.) को लोगों को इस्लाम की ओर बुलाते-बुलाते तीन वर्ष बीत चुके थे, लेकिन आप (सल्ल.) का सन्देश अभी तक...