पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) की मूल शिक्षा
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
(अल्लाह दयावान, कृपाशील के नाम से)
प्रिय दर्शको,
सलाम और रहमत।
नबी करीम (सल्ल.) को सारे इंसानों के मार्गदर्शन यानी पैग़म्बरी के पद पर आसीन कर दिया। पैग़म्बरी मिलने के बाद भी आप (सल्ल.) कभी-कभी हिरा की...
پھول کی پتی سے کٹ سکتا ہے ہیرے کا جگر
مردِ ناداں پر کلامِ نرم و نازک بے اثر!
फूल की पत्ती से कट सकता है हीरे का जिगर
मर्दे नादाँ पर कलामे नर्म व नाज़ुक बे असर!
Phool ki patti se kat...
اقبالؔ بڑا اُپدِیشک ہے من باتوں میں موہ لیتا ہے
گفتار کا غازی بن تو گیا، کِردار کا غازی بن نہ سکا
इक़बाल बड़ा उपदेशक है, मन बातों में मोह लेता है
गुफ़्तार का ग़ाज़ी बन तो गया, किरदार का ग़ाज़ी...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) की वरक़ा से मुलाक़ात
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है “पैग़म्बर मुहम्मद वरक़ा से मुलाक़ात”।
हज़रत ख़दीजा (रज़ि.) इस बात पर ख़ुश तो थीं कि अल्लाह तआला उनके पति को दुनिया की...
مسجد تو بنا دی شب بھر میں ایماں کی حرارت والوں نے
من اپنا پُرانا پاپی ہے، برسوں میں نمازی بن نہ سکا
मस्जिद तो बना दी शब् भर में, ईमान की हरारत वालों ने
मन अपना पुराना पापी है, बरसों में...
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल.) – सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ईशदूत
प्रिय दर्शको,
आज की इस बैठक में मुहम्मद (सल्ल.) के उन पलों की चर्चा की जाएगी जब आपको नबी बना दिया गया था। यह बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी थी। पूरी मानवजाति में किसी...
جو میں سر بہ سجدہ ہوا کبھی، تو زمیں سے آنے لگی صدا
ترا دِل تو ہے صنم آشنا، تجھے کیا ملے گا نماز میں
जो मै सर बा सजदा हुवा कभी, तो ज़मीन से आने लगी सदा
तेरा दिल तो है...
अन्तिम रसूल (सल्ल.) पर पहली ‘वह्य’
प्रिय दर्शको,
आपपर सलामती और अल्लाह की रहमत हो। आजकी प्रस्तुति का शीर्षक है ‘अन्तिम नबी पर पहली वह्य’। हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) उस समय तक चालीस वर्ष के हो चुके थे। चिंतन-मनन का सिलसिला जारी...
ज़ैद: अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के संरक्षण में
प्रिय दर्शको,
आप सबको मेरा सलाम। आज की इस प्रस्तुति का शीर्षक है, ‘ज़ैद-बिन-हारिसा (रज़ि.) : अल्लाह के रसूल (सल्ल.) के संरक्षण में’। आप जानते हैं कि उस ज़माने में ग़ुलामी रिवाज था।...
काबा का नवनिर्माण
प्रिय दर्शको,
आज कुछ मिनट में आपके सामने ख़ाना-ए-काबा के नवनिर्माण के बारे में कुछ बातें पेश की जाएँगी। अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) अत्यंत सफल जीवन बिता रहे थे। उस समय आप (सल्ल.) की आयु 34-35...